स्पर्श गंगा अभियान और नमामि गंगे के संयुक्त तत्वाधान में कार्यक्रम
नई दिल्ली, 28 दिसंबर : केंद्रीय परिहन, राजमार्ग एवं गंगा पुनरूद्धार मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि गंगा के साथ यमुना को भी साफ करने का बड़ा अभियान केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि मार्च 2019 तक गंगा 50 फीसदी तक स्वच्छ हो जाएगी और मार्च 2020 तक गंगा पूरी तरह साफ व स्वच्छ हो जाएगी। स्पर्श गंगा अभियान और नमामि गंगे के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित एक कार्यक्रम में गडकरी ने यह भी बताया कि केंद्र सकार ने दिल्ली से होकर बह रही यमुना को साफ करने के लिए 4000 करोड़ रुपये की लागत से 12 प्लांटों पर काम शुरू किया है।
उल्लेखनीय है कि स्पर्श गंगा अभियान की शुरूआत उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने वर्ष 2009 में की थी। तब से इस अभियान ने लाखों लोगों को जोड़ा है। गडकरी ने कहा कि यों तो गंगा को अविरल व स्वच्छ बनाने के लिए धन की कोई कमी नहीं है। केंद्र सरकार इस पर 26 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है। लेकिन वित्तमंत्री अरूण जेटली की अगुवाई में हुई बैठक में यह तय किया गया है कि कम से कम एक करोड़ लोगों से सीधे इलेक्ट्रानिक हस्तातंरण के जरिये आर्थिक सहयोग लिया जाएगा ताकि कम से कम इतने लोगों को यह अहसास हो कि उन्होंने भी गंगा को स्वच्छ अभियान बनाने में अपना योगदान दिया है।
गडकरी ने कहा कि गंगा को निर्मल बनाने में भले ही एक वर्ष का और समय लग जाएगा, लेकिन गंगा को अविरल बनाने का उनका प्रयास अगले मार्च तक ही पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि गंगा नदी पर बने नहरों में आपसी समन्वय के जरिये यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अविरल गंगा के लिए कब कितना पानी छोड़ जाए। इस संबंध में उत्तराखंड की सरकार से भी सहयोग लिया जा रहा है। गडकरी ने गंगा के साथ यमुना को भी स्वच्छ बनाने के लिए आवश्यक कई योजनाओं का खुलासा किया। उन्होंने कि दिल्ली में यमुना की कुल लंबाई 22 किलोमीटर है लेकिन यह 22 किलोमीटर बहते-बहते यमुना 8 फीसदी प्रदूषित हो जाती है। उन्होंने कहा कि न सिर्फ दिल्ली और हरियाणा में बल्कि यमुना की सफाई के लिए मथुरा, वृंदावन और आगरा में भी प्लांट लगाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि हिमाचल में भी इस नदी की सफाई का विशेष अभियान चलाया जा रहा है।