मेघालय की एक कोयले की खदान से पानी भरने के दौरान उसमें फंसे 15 मजूदरों को 15 दिन पूरे हो गए हैं. अभी तक उन्हें खदान से निकालने में सफलता नहीं मिल पाई है. वहीं शुक्रवार को भुवनेश्वर से वायुसेना का एक विमान एनडीआरएफ टीम और आवश्यक उपकरण लेकर जाएगा. यह विमान भुवनेश्वर से गुवाहाटी जाएगा.
इसके साथ ही ओडिशा से कई दमकलकर्मी भी मेघालय के लिए रवाना होंगे. वहीं 15 लोगों को निकालने में मदद करने के लिए निजी पंप निर्माता कंपनी मौके पर पहुंच गए हैं. यह कंपनी खदान से पानी निकालने में स्वेच्छा से उपकरण मुहैया करा रही है. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने गुरुवार को मीडिया की उन खबरों का खंडन किया जिसमें यह कहा गया था कि खदान में फंसे मजदूरों की मौत हो जाने का संदेह है क्योंकि एनडीआरएफ के गोताखोर जब खदान में उतरे थे उन्होंने ‘दुर्गंध’ महसूस की थी.
भारतीय वायु सेना और कोल इंडिया के बचावकर्मी ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले में स्थित इस खदान तक शुक्रवार को पहुंचने की उम्मीद जताई गई है. पुलिस अधीक्षक सिल्विस्टर मोंगटींगर ने बताया कि किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड की दो टीम मदद के लिए गुरुवार को यहां पहुंची हैं. श्रमिक 370 फुट अवैध खदान में फंसे हुए हैं.
किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड ने बुधवार की देर रात एक बयान में कहा था, ‘‘मेघालय में फंसे लोगों के लिए हम बेहद चिंतित हैं और हर तरह से मदद को तैयार हैं. हम अपनी सहायता देने के लिए मेघालय सरकार के अधिकारियों के संपर्क में हैं.’
भारतीय वायु सेना के प्रवक्ता रत्नाकर सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने वायु सेना से बचावकर्मियों को भुवनेश्वर से या तो गुवाहाटी तक या शिलांग हवाई अड्डे तक शुक्रवार को पहुंचाने का आग्रह किया है. कोल इंडिया लिमिटेड के सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि सर्वेक्षणकर्ता घटनास्थल के लिए रवाना हो चुके हैं.
तलाशी और बचाव का काम शनिवार को रोक दिया गया था क्योंकि खदान में पानी का स्तर कम होता प्रतीत नहीं हो रहा था. एनडीआरएफ के सहायक कमांडेंट एसके सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन ने राज्य सरकार को उच्च शक्ति वाले पंप की मांग करते हुए पत्र लिखा है क्योंकि इस कार्य के लिए 25 हॉर्स पावर के पंप पर्याप्त साबित नहीं हो पा रहे थे.
इसी बीच सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस घटना के संबंध में मुलाकात की है. हालांकि इस बैठक की जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई है.