लखनऊ : व्यापारी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री या उनके द्वारा नामित कोई व्यक्ति होगा। बोर्ड में उपाध्यक्ष के तीन पद होंगे, जिन पर मुख्यमंत्री किसी जनप्रतिनिधि या गैरसरकारी व्यक्ति को नामित कर सकते हैं। व्यापारी कल्याण बोर्ड के गठन को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। ये नामित सदस्य व्यापारिक, औद्योगिक संगठनों या फिर प्रतिष्ठित विशेषज्ञ हो सकते हैं। बोर्ड में वाणिज्य कर, गृह, वित्त, अवस्थापना व औद्योगिक विकास, श्रम, खाद्य व रसद, ऊर्जा, सूक्ष्म व लघु मध्यम, उद्यम व पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव बतौर सरकारी सदस्य के रूप में नामित होंगे। अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव वाणिज्य कर बोर्ड के संयोजक या सचिव होंगे। उपाध्यक्ष व गैर सरकारी सदस्यों का कार्यकाल दो साल का होगा।बोर्ड की प्रकृति सलाहकार वालीव्यापारी कल्याण बोर्ड राज्य सरकार एवं व्यापारियों व उद्यमियों के बीच सेतु का काम करेगा। बोर्ड मुख्यत: सलाहकार की भूमिका में होगा। बोर्ड व्यापारियों व उद्यमियों की समस्याओं को चिह्नित कर उनका निराकरण सरकार से कराएगा।
व्यापारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा एवं बीमा संबधी योजनाओं को लागू करेगा। व्यापारियों व उद्यमियों के लिए विभिन्न विभागों के नियम-कानूनों का समय-समय पर परीक्षण कर नियमों को सरल बनाने की भी सलाह देगा। बोर्ड सरकार को व्यापारी कल्याण कोष की स्थापना की सलाह देगा। इसके अलावा व्यापारियों के हित में अन्य सुझाव भी समय-समय पर देगा। व्यापारियों के हित वमें फैसले के लिए हर तीन माह में बोर्ड की बैठक कम से कम एक बार जरूर होगी। बोर्ड की बैठक के सुझावों पर अधिसूचना व शासनादेश जारी होगा।