लखनऊ : मानदेय 24 हजार रुपए किए जाने समेत अन्य मांगों के समर्थन में अंशकालिक अनुदेशकों ने सोमवार को विधान भवन के सामने प्रदर्शन किया। इसी बीच भाजपा कार्यालय के सामने लोधी समाज के एक कार्यक्रम में आए गृहमंत्री राजनाथ सिंह के मंच के सामने अनुदेशकों ने नारेबाजी करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। यह देख गृहमंत्री ने पुलिस से एक महिला समेत तीन अनुदेशकों को मंच पर बुलाकर उनकी बात सुनी। उन्हें आश्वस्त किया कि वह उनकी मांगों के लिए मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से वार्ता करेंगे। तब जाकर अनुदेशक शांत हुए और वापस चले गए। चकमा देकर गृहमंत्री के कार्यक्रम में पहुंचे परिषदीय अनुदेशक संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह की अगुवाई में अनुदेशक लालबाग नगर निगम मुख्यालय की ओर से विधान भवन घेराव करने जा रहे थे। उसी दौरान पुलिस ने उन्हें रोक दिया। अधिक संख्या में होने पर पुलिस को चकमा देकर अनुदेशक पास में ही चल रहे गृहमंत्री के कार्यक्रम में मंच के नजदीक पहुंच गए। यहां पर नारेबाजी शुरू कर दी। यह देख पुलिस वालों के होश उड़ गए। आनन-फानन में पुलिस वालों ने चित्रकूट की महिला समेत अन्य अनुदेशकों को घेर लिया। पर, तब तक राजनाथ सिंह ने पुलिस वाले को इशारा कर नारेबाजी कर रहे अनुदेशकों को मंच पर बुलाकर उनकी पूरी बात सुनी।
अधिकारी कर रहे मानदेय बढ़ाने में लापरवाही अनुदेशकों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने कई कार्यक्रमों के दौरान मानदेय बढ़ाने की बात कही। काफी समय बीतने के बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग और शासन स्तर के अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। घोषित किया जा चुका 17 हजार रुपए मानदेय तक नहीं दिया जा रहा है। अनुदेशकों से ज्यादा शिक्षामित्र करीब 10 हजार रुपए मानदेय पा रहे हैं। गर्भवती अनुदेशकों को प्रसूति अवकाश छह माह तक किया जाए। मेडिकल सुविधा और महिला अनुदेशक की शादी होने के बाद उसे ससुराल के बगल में स्थानांतरित किया जाए।