उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने सोमवार को कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) में वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए आबकारी नीति (Excise Policy) पर मंजूरी दे दी। सरकार के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि अगले वित्तीय वर्ष के लिए राज्य में शराब व बीयर की 60 फीसदी दुकानों का आवंटन उनके लाइसेंस के नवीनीकरण से होगा। इसके साथ ही वर्तमान वित्तीय वर्ष में चल रही आबकारी नीति की खामियों को दूर भी किया जाएगा।
आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने बताया कि अगले वित्तीय वर्ष की शुरुआत यानि पहली अप्रैल से प्रदेश में शराब व बीयर की फुटकर दुकानों के संचालन का समय सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक होगा। अभी यह समय दोपहर 12 बजे से रात 10 बजे तक का है। इसके अलावा अगले वित्तीय वर्ष में प्रदेश के कुछ चुनिंदा बड़े शहरों में माइक्रो ब्रिवरीज की नई व्यवस्था शुरू की जाएगी। इसके तहत इन चुनिंदा बड़े शहरों में बार संचालकों को इंस्टेंट बीयर या फ्रेश बीयर बनाकर बेचने के लाइसेंस भी दिए जाएंगे।
साथ ही आईआरटीसी द्वारा संचालित विशेष रेलगाड़ी ‘महाराजा’ में विदेशी पर्यटकों को प्रदेश की सीमा में शैम्पेन ब्रेकफास्ट और पांच सितारा होटलों में विदेशी पर्यटकों के समूह के लिए आयोजित होने वाले विशेष ब्रेकफास्ट यानि सुबह के नाश्ते में सुबह 9 बजे से शराब परोसने की अनुमति भी होगी।
मथुरा,काशी, प्रयागराज व अयोध्या में आंशिक शराबबंदी
आबकारी मंत्री ने बताया कि मथुरा, वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या जैसे धार्मिक महत्व के शहरों के कुछ हिस्सों को शराब बिक्री से मुक्त किया जाएगा यानि इन शहरों की एक खास परिधि में आंशिक शराबबंदी भी लागू की जाएगी।
नवीनीकरण की शर्तें
चालू वित्तीय वर्ष में देसी शराब के जिन फुटकर विक्रेताओं ने अपनी बिक्री तय कोटे से छह फीसदी, अंग्रेजी शराब की 40 फीसदी और बीयर की 30 फीसदी बढ़ाकर की है, उन दुकानों नवीनीकरण ठेकेदार चाहे तो अपने आप कर दिया जाएगा। फिलहाल 30 नवम्बर तक प्रदेश में शराब व बीयर की फुटकर बिक्री के आंकड़ा का विश्लेषण करने पर अभी ऐसे 60 फीसदी फुटकर विक्रेता सामने आए हैं, जिन्होंने लक्ष्य हासिल कर अपनी दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण होने का हक हासिल किया है।
इसके बाद अभी एक बार फिर 31 जनवरी तक के बिक्री आंकड़ों का विश्लेषण किया जाएगा और उम्मीद है कि लाइसेंस के नवीनीकरण का यह आंकड़ा 60 प्रतिशत से और ऊपर हो जाएगा। बाकी बची फुटकर दुकानों के लाइसेंस का आवंटन ई-लाटरी के जरिए होगा। मगर अब किसी एक जिले में एक ही व्यक्ति को दो से अधिक शराब, बीयर या भांग की दुकानों के लाइसेंस नहीं दिए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि फुटकर शराब व बीयर विक्रेताओं की मांगों पर विचार करते हुए वित्तीय वर्ष 2019-20 की आबकारी नीति में देसी शराब की बिक्री निर्धारित कोटे से दो प्रतिशत और अंग्रेजी शराब व बीयर की बिक्री 20-20 प्रतिशत बढ़ाने वाले फुटकर विक्रेताओं के लाइसेंस का नवीनीकरण वर्ष 2020-21 में करने का भी फैसला किया गया है।
आबकारी आयुक्त धीरज साहू ने बताया कि अगले वित्तीय वर्ष में शराब और बीयर की ही तरह भांग की दुकानों के लाइसेंस की नीलामी किए जाने के बजाए ई-लाटरी से ही किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में 10118 करोड़ रुपये का राजस्व आबकारी विभाग को मिला था जबकि 2018-19 में अब तक 15005 करोड़ का राजस्व विभाग को मिल चुका है। चालू वित्तीय वर्ष का आबकारी राजस्व लक्ष्य 23,000 करोड़ रुपये तय किया गया है। अगले वित्तीय वर्ष 2019-20 में यह लक्ष्य करीब 32 हजार करोड़ के आसपास तय होने का अनुमान है।