जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सोमवार को मां वैष्णो देवी (Vaishno Devi) भवन से भैरों घाटी (Bhairon Temple) के लिए यात्री रोपवे सेवा का ई-उद्घाटन किया। 85 करोड़ रूपए की लागत वाली इस सेवा से मां वैष्णो देवी मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों को काफी सहूलियत होगी।
राज्यपाल मलिक श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार राज्यपाल मलिक ने यहां राज भवन में एक समारोह में इस अत्याधुनिक सेवा का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि रोपवे की सुविधा शुरू होने से भवन और भैरों मंदिर के बीच यात्रा का समय एक घंटा से घटकर मात्र 3 मिनट रह जाएगा। श्राइन बोर्ड ने टिकट दर कम रखने का फैसला किया इसलिए यहां रोपवे के लिए 100 रुपये प्रति यात्री देने होंगे।
राज्यपाल ने इस मेगा परियोजना को वास्तविकता में बदलने वाले अधिकारियों एवं इंजीनियरों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने परियोजना के सुरक्षा पहलु का जिक्र करते हुए कहा कि बचाव और राहत तैयारियां अंतरराष्ट्रीय स्तर की होनी चाहिए।
800 यात्री प्रतिघंटा क्षमता है इस रोपवे की
85 करोड़ रुपए लागत आई रोपवे की
कैबिन व कई उपकरण स्विट्जरलैंड से मंगाए गए
पश्चिम की तर्ज पर है रोपवे का डिजाइन
भैरों घाटी की 6,600 फीट की खड़ी चढ़ाई
धार्मिक मान्यता है कि मां वैष्णो देवी के दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा तब तक पूरी नहीं मानी जाती, जब तक श्रद्धालु भैरों घाटी जाकर मंदिर में दर्शन न कर लें। लेकिन, वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन करने के बाद अक्सर श्रद्धालु इतने थक जाते हैं कि वे भैरों घाटी की 6600 फीट की खड़ी चढ़ाई पूरी नहीं कर पाते और बिना दर्शन किए ही वापस चले जाते हैं। वैसे वैष्णो देवी भवन से भैरों घाटी की दूरी सिर्फ 3.5 किलोमीटर है लेकिन चढ़ाई अधिक है।