योग को पूरे विश्व में नई पहचान दिलाने के बाद व्यापारिक जगत में धाक जमाने वाले स्वामी रामदेव ने कहा कि आगामी लोक सभा के नतीजे जो भी हों यह ‘ संग्राम ‘ महाभीषण होगा।
सवालः क्या आपको लगता है कि देश में सहिष्णुता समाप्त हो रही है।
जवाबः भारत जैसा सहिष्णु देश पूरे विश्व में कोई नहीं है। नसीरुद्दीन जैसे लोग भारत से दौलत और शोहरत पाते हैं और फिर किसी एक मुद्दे पर पूरे देश को कटघरे में खड़ा करते हैं।
सवालः आप काला धन का मॉडल बताते थे। अब उसके बारे में क्या कहना है।
जवाबः काला धन बहुत बड़ी हकीकत है, इसके लिए कारगर उपाय बताए थे, सरकार ने कुछ कदम उठाए थे। विदेशों से जो काला धन आना चाहिए था, उतना नहीं आ पाया। अब काला धन का मुद्दा मोदी जी पर भरोसा कर उन पर छोड़ दिया है।
सवालः योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बन जाते हैं तो क्या स्वामी रामदेव भी कभी ऐसा सोचते हैं कि उन्हें भी ऐसा कोई पद मिलेगा।
जवाबः सिंहासन मेरी जिंदगी का कभी मकसद नहीं रहा है। सिंहासन पर अच्छे लोग बैठें यह मेरी सोच कल भी थी आज भी है और आगे भी रहेगी।
सवालः देश की वर्तमान सरकार को आप कितना सफल मानते हैं।
जवाबः मोदी जी से लोगों की हिमालय सी अपेक्षाएं थीं, जिन पर खरा उतरना चुनौती था। दुनियाभर की यात्राएं उन्होंने जलसा करने के लिए नहीं की थी। इन यात्राओं से उन्होंने लाखों करोड़ का इनवेस्टमेंट कराया। लेकिन वह जमीन इन्वेस्टर को उपलब्ध नहीं करा पाए। इसलिए निवेश के जो कमिटमेंट किए गये थे वह जमीन पर नहीं उतर पाए। पाकिस्तान को लेकर वह ऐतिहासिक कदम उठाना चाहते थे, लेकिन यह भी नहीं हो सका। कश्मीर में ऑपरेशन ऑलआउट प्रारंभ किया। लेकिन पीडीपी से समझौता उनका राजनीतिक भूल साबित हुई।
सवालः नोटबंदी और जीएसटी अपने मकसद में कितनी सफल रही।
जवाबः नोटबंदी का मकसद अच्छा था, लेकिन दो हजार रुपये का नोट छापना गलत था। नोटबंदी के साथ में पूरे देश में टेक्निकल ट्रांजेक्शन की व्यवस्था हो जाती, बैंकिंग ट्रांजेक्शन टैक्स लग जाता और इनकम टैक्स हट जाता तो क्रांतिकारी कदम होता। इसमें कुछ खामियां रह गईं। जीएसटी एक अच्छा आर्थिक सुधार है। इसके शुरू में कुछ दिक्कतें हैं, लेकिन इससे भविष्य में आर्थिक सुधार को रफ्तार मिलेगी।
सवालः जीएसटी की दरों में परिवर्तन क्यों, क्या होमवर्क पूरा नहीं था।
जवाबः मोदी जी स्वभाव से उत्साही हैं, जब आप कोई निर्णय लेते हैं और जल्दी निर्णय लेते हैं तो कुछ खामियों की गुंजाइश भी रहती है।
सवालः आयुर्वेद के बाजार में एमएनसी का दखल बढ़ रहा है, क्या पतंजलि के मार्किट शेयर में कोई गिरावट है।
जवाबः पतंजलि का शेयर कहीं नहीं गिरा है, हमनें एक नया बाजार विकसित किया है। अब इसमें स्पेस बना है तो सभी घुसने का प्रयास कर रहे हैं। आयुष फेल हो गया, कोलगेट लाखों की संख्या में फ्री सैम्पल दे रहा है, लॉस में बेच रहा है, वह इस स्पेस में घुसने के प्रयास में है। इसके लिए आर्थिक आजादी सभी के लिए है। लेकिन उन्हें आयुर्वेद की जानकारी नहीं है। मूलभूत ज्ञान न होने से वह जड़े नहीं जमा पा रहे।