राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि देश में सशक्त संविधान और कानून है पर लोगों में संवेदनशीलता की कमी के कारण ये प्रभावी तरीके से लागू नहीं हो पाते.
वह नूतन गुलगुले फाउंडेशन के एक समारोह में लोगों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि धर्म को केवल पुस्तकों में नहीं पढ़ा जाना चाहिए बल्कि इसे जीवन शैली में अपनाया जाना चाहिए और मनुष्यों को मनुष्यों की तरह ही व्यवहार करना चाहिए. यह फाउंडेशन दिव्यांग लोगों के कल्याण के लिए काम करता है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास सशक्त संविधान, कानून है लेकिन लोगों में संवेदनशीलता की कमी होने से वे प्रभावी तरीके से लागू नहीं हो पाते.’’
बता दें कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और हिंदू संतों ने शुक्रवार को अहमदाबाद से 210 किलोमीटर दूर राजकोट में दो दिवसीय हिंदू आचार्य सभा बैठक मेंअयोध्या में विवादित स्थल पर मंदिर निर्माण को लेकर आगे के रास्तों पर चर्चा की थी. यह जानकारी बैठक में हिस्सा लेने वाले धार्मिक नेताओं ने दी.
उन्होंने बताया कि अहमदाबाद से 210 किलोमीटर दूर राजकोट में दो दिवसीय हिंदू आचार्य सभा बैठक में मौजूद भागवत और संतों ने स्पष्ट रूप से विचार व्यक्त किया कि मंदिर का निर्माण मई 2019 से पहले शुरू हो जाना चाहिए जब नरेंद्र मोदी सरकार का कार्यकाल समाप्त होगा. हिंदू नेताओं ने बताया कि बैठक में शाह ने भरोसा दिया कि अयोध्या में मंदिर का निर्माण होगा.