…मेरे मन की कली मुरझाई, जब याद श्याम की आई!

पूर्णाहुति व विशाल भण्डारे के साथ श्रीमद् भागवत कथा का समापन

लखनऊ : विश्वनाथ मन्दिर के 27वें स्थापना दिवस के मौके पर श्रीरामलीला पार्क सेक्टर-’ए’ सीतापुर रोड योजना कालोनी में स्थित मन्दिर परिसर में 15 दिसम्बर से चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा पूर्णाहुति व विशाल भण्डारे के साथ सम्पन्न हो गई। शनिवार सुबह पूजन, हवन व मंत्रोच्चार के साथ पूर्णाहुति एवं आरती हुई। जिसके पश्चात् विशाल भण्डारा आयोजित किया गया, देर रात तक चले इस भण्डारे में हजारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।

इस मौके पर महिलाओं ने “प्रभु तुम तो दया के सागर हो, मेरी बिगड़ी बनाओ तो जाने…..”, “मेरे मन की कली मुरझाई, जब याद श्याम की आई…..” “बांके बिहारी लाल..’’, तेरी सूरति पर जाऊं बलहारी रसिया मैं नाचूंगी बीच बाजार रसिया….’’, ‘‘तेरी अंखियां हैं जादू भरी, बिहारी जी मैं कब से खड़ी…..’’ व ‘‘तेरी मन्द-मन्द मुसकनियां पे बलिहार प्यारे…’’ सहित कई भजनों को गाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया।

7 दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा में 15 दिसम्बर से 21 दिसम्बर तक कथाव्यास आचार्य वरुण श्यामजी महाराज ने प्रतिदिन सांय 4 बजे से सायं 7 बजे तक कथा सुनाई थी। इस मौके पर पूर्व पार्षद बृज किशोर पाण्डेय, कमलेश दूबे, मीरा, ऊषा मिश्रा, रामकुमारी सोनी, उमा शुक्ला, ममता पाण्डेय, जगत नारायण दूबे, कौशल किशोर पाण्डेय, राधेश्याम, पं. योगेश शास्त्री, नरसिंह नारायण मिश्रा, मनोज दूबे, शम्भू शरण वर्मा सहित काफी संख्या में भक्तगण मौजूद थे। महिला सत्संग मण्डल की अध्यक्षा श्रीमती कमलेश दुबे ने बताया कि विश्वनाथ मन्दिर के स्थापना दिवस के मौके पर विगत 27 वर्षो से सभी भक्तों के सहयोग से यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है और निरन्तर जारी रहेगा।

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