विधानसभा में शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष द्वारा लगाए भर्तियों में धांधली के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए पूर्ववर्ती सरकारों को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि पहले विज्ञापन जारी होते ही एक पार्टी और परिवार के लोग झोला लेकर वसूली करने निकल जाते थे। लेकिन, अब व्यवस्था पारदर्शी है। योगी ने दावा किया कि पिछले डेढ़ साल में प्रदेश में युवाओं को एक लाख नौकरियां दी गईं।
शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन शून्य काल में बसपा के सुखदेव राजभर ने प्रतियोगी परीक्षा में धांधली के आरोप लगाए तो मुख्यमंत्री ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में परीक्षा में नकल कराने वाले सॉल्वर गैंग सक्रिय रहते थे, अब उन पर कड़ी कार्रवाई हो रही है। पहले आयोगों में बैठे लोग कौन थे यह किसी से छिपा नहीं है। अभी भी पिछले शासन के कई लोग आयोगों में हैं।
योगी ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया को लेकर आयोगों के कामकाज में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है। 41,500 शिक्षक की भर्ती हो, पुलिस भर्ती की बात हो, सभी पूरी तरह पारदर्शी तरीके से हो रही हैं। 50 हजार पुलिस की नई भर्ती चालू है। पारदर्शिता के लिए इंटरव्यू की प्रणाली समाप्त कर दी है। योगी ने कहा कि विश्वविद्यालय में 15 वर्ष से भर्तियां नहीं हुई थी हमने भर्ती शुरू करायी।
मुख्यमंत्री का कहना था कि बेसिक शिक्षा विभाग में 68,500 शिक्षकों की भर्ती निकली गई, जिसमें 41,500 पास हुए। शिकायत मिलने पर फिर कापियों की जांच करायी जा रही है। इसमें गड़बड़ी मिली तो कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि विपक्ष को कोई भी आरोप बिना किसी तथ्य नहीं लगाना चाहिए। भ्रष्टाचार का कोई प्रमाण किसी भी भर्ती में विपक्ष दे तो कठोरतम कार्रवाई करेंगे। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्ष को झूठे आरोपों की आदत हो चुकी है। किसी झूठ को सौ बार बोले जाने से भी वह सच नहीं हो सकता है। वरिष्ठजनों को सदन को गुमराह करने वाले आरोप लगाने से बचना चाहिए।
मनमुटाव पर पालीवाल ने दिया इस्तीफा
सुखदेव राजभर ने अधीनस्थ सेवा आयोग के अध्यक्ष सीबी पालीवाल के इस्तीफे को लेकर भी सवाल उठाए। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिव से मनमुटाव के बाद स्वास्थ्य कारणों से आयोग के अध्यक्ष ने इस्तीफा दिया जिसे स्वीकार कर लिया गया है।