किसानों के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने किया वाकआउट

-सूर्य प्रताप सिंह

लखनऊ : विधान सभा में किसानों के मसले पर सभी विपक्षी दलों ने बारी-बारी से वाकआउट किया। प्रश्नकाल शुरू होते ही बसपा विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा ने सदन की सारी कार्यवाही रोककर आगरा में दसवीं कक्षा की छात्रा को जिंदा जलाए जाने का मामला उठाया। बसपा सदस्यों के साथ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने विभिन्न मुददों को लेकर सदन की कार्यवाही रोककर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे। विपक्षी सदस्यों के शोरशराबे और हंगामें के देखते हुए विधानसभाध्यक्ष हदय नारायण दीक्षित ने हस्तक्षेप किया और सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाए जाने में सहयोग की बात कही। उनके इस सुझाव को सभी सदस्यों ने एकमत से स्वीकार किया,और सदन की कार्यवाही शुरू होते ही प्रश्नकाल में सपा के नरेन्द्र सिंह वर्मा ने किसानों से जुड़े मुद्दे उठाए।

इस पर कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही प्रदेश सरकार द्वारा किसानों से जुड़ी और संचालित योजनाओं का उल्लेख करते हुए कि सरकार की मंशा प्रत्येक किसान को सरकार की योजनाओं का सत प्रतिशत लाभ दिलाना है। किसानों को किसी तरह की दिक्कत न पेश आये इसको लेकर भी सरकार सजग है। सरकार ने अब तक के अपने कार्यकाल में किसानों के बारे में अनेक क्रान्तिकारी निर्णय लिए हैं। सरकार ने पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की जयंती के अवसर पर किसानों को सोलर पंप देने की योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। 31 मार्च 2019 तक सरकार 10 हजार सोलर पंप वितरित करने का लक्ष्य निर्धारित है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने डीएपी और यूरिया खाद के संकट को भी दूर किया है जबकि पूर्ववर्ती सरकारो मे किसानो को खाद के लम्बी लाइन लगानी पड़ती थी ओैर पुलिस की लाठिया खानी पड़ती थी। किसानो को पर्याप्त बिजली भी आपुर्ति की जा रही है। जहां तक खेतो को छुट्टा जानवरो द्वारा नुक्शान पहुचाए जाने का प्रश्न है तो सरकार ने ऐसे जानवरो को बांधकर रखने की व्यवस्था की है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही पर सवालों का सही जवाब न देने का आरोप लगाते हुए सभी दलों ने बारी—बारी से सदन से वाक आउट किया।

प्रश्नकाल में ही सपा सदस्य उज्जवल रमण सिंह व कांग्रेस विधान मण्डल दल के नेता अजय कुमार सिंह लल्लू ने विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्य कराये जाने में भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाये जाने का आरोप लगाया इन सदस्यों का कहना था कि सरकार की यह व्यवस्था कि क्षेत्र के सांसदों की संस्तुति पर ही विधायक विकास कार्य करा सकेंगे इस व्यवस्था के बाद विपक्ष के सदस्यों को अपने अपने निर्वाचन क्षेत्रो में विकास कार्य कराने मे कठिनाई सामने आ रही है। विपक्ष के इन सदस्यो के इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि 1998 मे उन्ही की कल्याण सरकार ने प्रदेश मे विधायक निधि शुरू की थी, बाद में इसकी धनराशि में तत्कालीन मुख्य मंत्री राम प्रकाश गुप्त जी ने इजाफा किया जो अब तक चली आ रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार की ओर से इस तरह का कोई आदेश नहीं है कि सांसदों की संस्तुति पर ही विधायक अपने क्षेत्रों में विकास कार्य करा सकेंगे।

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