भारतीय कप्तान विराट कोहली इन दिनों अपनी आक्रामकता को लेकर चर्चा में है. आम प्रशंसकों से लेकर पूर्व क्रिकेटरों तक उनकी आक्रामकता के तरीके को बंटे हुए हैं. भारत के ही संजय मांजरेकर से लेकर ऑस्ट्रेलिया के माइकल हसी, मिचेल जॉनसन उनकी आलोचना कर रहे हैं. लेकिन इस बीच उन्हें ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान एलन बॉर्डर के रूप में समर्थक भी मिल गया है. ऑस्ट्रेलिया के इस पूर्व कप्तान ने विराट कोहली की आक्रामकता का समर्थन किया है.
1987 में ऑस्ट्रेलिया को विश्व कप जिताने वाले कप्तान एलन बॉर्डर ने कोहली का बचाव करते हुए कहा कि क्रिकेट को उनके जैसे खिलाड़ियों की जरूरत है, जो मैदान पर जज्बाती रहते हैं. बॉर्डर ने फाक्स क्रिकेट के कार्यक्रम ‘द फॉलोऑन’ पर कहा, ‘हमारे खेल में इस तरह के ज्यादा लोग नहीं है. प्रोफेशनलिज्म से यह कुछ हद तक कम हो गया है.’ विराट कोहली को कोच रवि शास्त्री का भी समर्थन मिलता रहा है.
विराट कोहली की आक्रामकता पर यह नई बहस पर्थ टेस्ट के दौरान उनके और टिम पैन की कथित बहस के बाद शुरू हुई है. ऐसा कहा जा रहा है कि जब इस मैच के दौरान टिम पेन रन ले रहे थे, तब कोहली उनके सामने आ गए थे और खुद को दुनिया का बेस्ट बैट्समैन बताते हुए ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर को कामचलाऊ कप्तान बनाया था. हालांकि, भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ऐसी मीडिया रिपोर्ट का खंडन कर चुका है.
दूसरी ओर, एलन बार्डर ने विराट के मैदान पर आक्रामक व्यवहार पर कहा, ‘मैने किसी कप्तान को उसकी टीम के विकेट लेने पर ऐसे जश्न मनाते नहीं देखा. यह जरूरत से ज्यादा है, लेकिन अच्छा भी है. उसमें जुनून है.’ उन्होंने यह भी कहा कि वह विदेशी सरजमीं पर जीतकर अपनी छाप छोड़ना चाहता है. भारत और ऑस्ट्रेलिया (India vs Australia)मौजूदा टेस्ट सीरीज में 1-1 से बराबरी पर हैं. सीरीज का तीसरा टेस्ट मेलबर्न में 26 दिसंबर से खेला जाएगा.
एलन बॉर्डर ने कहा, ‘वे (कोहली) घर से बाहर जीतने को इतना बेकरार है. उनकी अीम वाकई नंबर वन रैंकिंग की हकदार है. बतौर कप्तान यह आपकी असली परीक्षा है.’ बॉर्डर ने कहा, ‘वे टीम को नंबर वन बनाने में कामयाब रहे हैं, लेकिन कप्तान की असली पहचान अपने देश से बाहर मिली जीत से होती है. वे इस कमी को पूरा करना चाहता है.’