पाकिस्तान ने पिछले चार साल में अपनी जेलों से 1,557 भारतीय कैदियों को रिहा किया है. वहीं भारत ने अपनी जेलों में बंद 318 पाकिस्तान कैदियों को इसी दौरान रिहा किया है. यह जानकारी केंद्र सरकार ने बुधवार को लोकसभा में दी है.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 2018 (13 दिसंबर तक) में पाकिस्तान से 174 भारतीय मछुआरों को रिहा किया गया जबकि, इसी अवधि में भारत से 28 कैदियों की रिहाई हुई.
विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि 15 दूसरे देशों में जेल में रहते हुए 40 भारतीय नागरिकों की मौत हो गई. वहीं सुषमा स्वराज ने बताया कि 2017 में पाकिस्तान की जेलों से 7 भारतीय कैदी रिहा किए गए. उसी साल भारत की जेलों से 60 पाकिस्तानी नागरिकों की रिहाई की गई. 2017 में ही पाकिस्तान की जेलों से 410 मछुआरे छोड़े गए. जबकि भारत की जेलों से 9 पाकिस्तानी मछुआरों को रिहाई दी गई.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के मुताबिक 2016 में पाकिस्तान ने दो भारतीय नागरिकों को रिहा किया. जबकि भारत ने 10 पाकिस्तानी कैदियों को रिहा किया. 2016 में ही पाकिस्तान की जेलों से 410 भारतीय मछुआरों को रिहा किया गया. जबकि भारत ने अपनी जेलों में बंद 9 पाकिस्तानी कैदियों को रिहा किया. 2015 में पाकिस्तान की जेलों में बंद 4 भारतीय नागरिकों को रिहा किया गया. उसी साल भारत की ओर से 44 पाकिस्तानी नागरिकों को रिहा किया गया था. 2015 में ही पाकिस्तान ने 448 भारतीय मछुआरों को रिहा किया था. वहीं भारत ले 115 पाकिस्तानी मछुआरों को रिहा किया था.
सुषमा स्वराज के अनुसार 1 जुलाई, 2018 को पाकिस्तान से हुए दस्तावेजों के आदान-प्रदान के मुताबिक अभी भारती जेलों में 108 पाकिस्तानी मछुआरे और 249 पाकिस्तानी नागरिक बंद हैं. वहीं पाकिस्तान की ओर से जानकारी दी गई कि वहां की जेलों में 418 भारतीय मछुआरे और 53 नागरिक बंद हैं.
केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार विदेश के जेलों में 8,445 भारतीय नागरिक बंद हैं. ये सभी 68 देशों की जेलों में बंद हैं. सर्वाधिक 2,224 भारतीय कैदी सऊदी अरब में बंद हैं. इसके बाद 1,606 भारतीय कैदियों के साथ संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) है. वहीं तीसरे स्थान पर 1,065 भारतीय कैदियों के साथ नेपाल है.