पश्चिम बंगाल(West Bengal) में चक्रवाती तूफान(Cyclone) ‘फेतई’(Phetai) से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और यहां रविवार से बारिश तथा तेज हवाएं चल रही है। दार्जिलिंग में हिमपात होने से सांदक्फू चोटी पर 100 पर्यटक फंसे हुए हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चक्रवाती तूफान से विमानों की उड़ान का समय, रेलगाड़ियों की आवाजाही, राजमार्गों पर यातायात में असामान्य देरी हो रही है। दक्षिणी बंगाल में रविवार और सोमवार को तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। इससे क्षेत्र में ठंड बढ़ी है और आर्द्र मौसम बना हुआ है। दार्जिलिंग और सिलीगुड़ी से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर बंगाल की ऊपरी चोटियों पर हिमपात और बारिश होने से जनजीवन प्रभावित हुआ है और लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हैं। पश्चिम बंगाल-नेपाल सीमा पर समुद्र स्तर से 3636 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पर्यटन स्थल सांदक्फू में तीन इंच हिमपात हुआ है। मंगलवार तड़के से ही यहां 100 से ज्यादा पर्यटक फंसे हुए हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान यहां तापमान में और अधिक कमी होने, मैदानी क्षेत्रों में बारिश और ऊपरी चोटियों पर हिमपात होने का अनुमान जताया है।
बिहार में भी ‘फेतई’ का असर
बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान ‘फेतई’ का असर अब बिहार में भी देखने को मिल रहा है। बिहार के कई इलाकों में दो दिनों से आसमान में बादल छाए हुए हैं। वहीं, राजधानी पटना में सोमवार रात से ही बारिश हो रही है। लगातार हो रही बारिश के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई इलाकों में सड़कें जलमग्न हो गई हैं। प्रदेश के कई इलाकों में हो रही बारिश पर मौसम विभाग का कहना है कि ‘फेतई’ के प्रभाव के कारण पांच डिग्री सेल्सियस तक तापमान नीचे जा चुका है।
‘फेतई’ से ओडिशा में बारिश जारी
‘फेतई’ के प्रभाव में मंगलवार को भी ओडिशा के विभिन्न इलाकों में बारिश हो रही है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, सोमवार को आंध्र प्रदेश पहुंचा चक्रवाती तूफान ओडिशा के कई इलाकों में कमजोर पड़ गया है लेकिन इसकी वजह से भारी बारिश जारी है। आईएमडी ने कहा कि अगले 12 घंटों के दौरान ओडिशा में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश होने की संभावना है। आईएमडी ने मछुआरों को अगले 12 घंटों तक उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और ओडिशा में समुद्र से दूर रहने की सलाह दी है। विशेष राहत आयुक्त बिष्णुपदा सेठी ने कहा कि जिला कलेक्टरों द्वारा क्षतिपूर्ति मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर किसानों को राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि से पर्याप्त मुआवजा दिया जाएगा।