छह वर्षों से बेटे को एक नजर देखने के लिए तरस रही फौजिया अंसारी के लिए मंगलवार का दिन किसी नेमत से कम नहीं था। पाकिस्तान (Pakistan) की जेल में सजा काटकर लौटे बेटे हामिद निहाल अंसारी (Hamid Ansari) को गले से लगाते ही फौजिया की आंखों से आंसू झरने लगे। वह तुरंत बेटे का जिस्म टटोलकर यह देखने लगीं कि कहीं पाकिस्तानी जेल में उसे जख्म तो नहीं दिए गए।
हामिद ने बताया ठीक है :
नवंबर 2012 में सीमा पार चले गए हामिद को छह साल पेशावर जेल में बिताने के बाद मंगलवार को रिहा किया गया। वह साढ़े पांच बजे अटारी सीमा पर अपनी मां, पिता निहाल अंसार और भाई से मिले। वहां मौजूद एक बीएसएफ अधिकारी के मुताबिक, हामिद से मिलते ही मां यह देखने लगीं कि पाक की जेल में उसे कहीं प्रताड़ित तो नहीं किया गया। इस पर हामिद ने बताया कि सब ठीक-ठाक है।
वतन की माटी चूमी :
छह साल सजा काटने के बाद रिहा किए गए हामिद लौटे तो उनकी दाढ़ी बढ़ी हुई थी। वाघा सीमा पर हामिद अपनी मां को दिलासा देते, उनके आंसू पोंछते दिखे। हामिद ने भारतीय सीमा में पहुंचते ही वतन की माटी चूमी और अपनी दुआएं कबूल करने के लिए ऊपर वाले का शुक्रिया किया। हामिद ने पिछले छह साल पेशावर जेल में बिताए थे।
फर्जी कागजात रखने में सजा :
पाक खुफिया एजेंसियों ने हामिद को 14 नवंबर 2012 को अफगानिस्तान के रास्ते अवैध रूप से पाकिस्तान में घुसने को लेकर गिरफ्तार किया था। उसे फर्जी पहचानपत्र रखने के कारण पकड़ा गया था। लौटने पर परिवार से मिलने के पांच मिनट बाद उन्हें बीएसएफ अधिकारी आव्रजन कार्यालय ले गए, जहां भारतीय एजेंसियों ने उनसे पूछताछ की।
मीडिया से बातचीत की इजाजत नहीं :
हामिद इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग द्वारा जारी आपात यात्रा प्रमाणपत्र पर भारत में दाखिल हुए। इसके तुरंत बाद डॉक्टरों ने उनकी चिकित्सीय जांच की। परिवार से मिलने के पांच मिनट बाद उन्हें बीएसएफ अधिकारी आव्रजन कार्यालय ले गए, जहां भारतीय एजेंसियों ने उनसे पूछताछ की। उन्हें मीडिया से बात करने की इजाजत नहीं दी गई।
पाक ने माना था जासूस :
पाकिस्तान ने हामिद को भारतीय जासूस करार दिया था। उन पर अवैध तरीके से पाकिस्तान में प्रवेश करने, प्रवेश के लिए फर्जी दस्तावेज बनाने और पाकिस्तान विरोधी अपराधों में संलिप्त होने के आरोप लगे थे। बीते गुरुवार पेशावर हाई कोर्ट ने हामिद की याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट को हामिद के वकील ने बताया कि गृह मंत्रालय और जेल अधिकारियों ने भारतीय नागरिक की रिहाई और स्वदेश वापसी पर चुप्पी साध रखी है। इसके बाद कोर्ट ने अतिरिक्त एटॉर्नी जनरल से यह बताने को कहा था कि सजा पूरी होने के बाद वे किसी कैदी को जेल में कैसे रख सकते हैं।
गृह मंत्रालय का प्रतिनिधित्व करने वाले एक अधिकारी ने कोर्ट को सूचित किया कि कानूनी दस्तावेज तैयार किए जाने की सूरत में किसी कैदी को एक महीने के लिए जेल में रखा जा सकता है। कानूनी स्थिति जानने के बाद कोर्ट ने एक महीने के भीतर हामिद की रिहाई से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया था।
सामूहिक प्रयास का नतीजा :
हामिद की रिहाई और स्वदेश वापसी में अनेक लोगों ने मदद की। इन लोगों में पाकिस्तान की मानवाधिकार वकील रक्षंदा नाज भी शामिल हैं। एक मीडिया रिपोर्ट में रक्षंदा के हवाले से बताया कि उन्हें इस मामले का पता भारतीय समाजसेवी रीता मनचंदा से चला था। जबकि पाकिस्तानी पत्रकार और समाजसेवी जीनत शहजादी ने हामिद के मामले की रिपोर्टिंग कर सबका ध्यान इसकी ओर खींचा था। रक्षंदा ने बताया कि इस मामले से वाकिफ होने के बाद मुझे लगा कि यह सही मामला है। तब मैंने हामिद से संपर्क किया और उसे भरोसा दिलाया कि वह रिहा हो जाएगा। रक्षंदा को हामिद से हफ्ते में सिर्फ एक बार मिलने की इजाजत थी। वह उनके लिए खाना भी ले जाती थीं। रक्षंदा ने बताया कि हामिद जेल में समय काटने के लिए कुछ न कुछ बनाना सीखते थे। एक बार उन्होंने माचिस की तीलियों से एक घर बनाया और मिलने पर रक्षंदा को दिया।
‘प्रेमिका’ की हो चुकी है शादी
हामिद जिस लड़की से मिलने के लिए पाकिस्तान गए थे, उसकी अब शादी हो चुकी है। उससे हामिद की ऑनलाइन मित्रता हुई थी। वह खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कोहाट की रहने वाली है। हामिद के मामले की रिपोर्टिंग करने वाली पाकिस्तानी पत्रकार जीनत शहजादी ने उस लड़की से मुलाकात भी की थी। हालांकि उन्होंने उसकी पहचान जाहिर नहीं की थी।