नई दिल्ली : अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण को लेकर भाजपा में ही स्वर तेज होने लगे हैं। इसकी झलक मंगलवार सुबह होने वाली भाजपा संसदीय दल की बैठक में देखने को मिली। बैठक में उपस्थित सांसदों ने ही अपनी पार्टी के आला नेताओं से पूछा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण की बाधा कब तक दूर करेंगे। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के दिल्ली से बाहर होने के कारण संसदीय दल की बैठक को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने संबोधित किया। इस बैठक में उत्तर प्रदेश से आने वाले कुछ सांसदों ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से राम मंदिर पर पार्टी का रुख पूछा। जिस पर राजनाथ सिंह ने कहा कि धैर्य रखें सभी कि इच्छा है कि मंदिर का निर्माण हो।
सूत्रों के मुताबिक, राजनाथ सिंह के संबोधन के दौरान ही कुछ सांसदों ने सवाल किया कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण के बारे में सरकार क्या करने जा रही है। सूत्र बताते हैं कि उत्तर प्रदेश से सांसद हरिनारायण राजभर, रविन्द्र कुशवाहा के साथ ही कुछ अन्य सांसदों ने गृहमंत्री से राम मंदिर के बाबत पूछा था। सांसदों ने कहा कि क्षेत्र में जाने पर जनता अब यह सवाल पूछ रही है और उन पर दबाव बढ़ता जा रहा है। इस सिंह ने सीधा जवाब न देते हुए उन्हें धैर्य रखने को कहा। राजनाथ ने कहा कि निश्चित तौर पर राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए।
सूत्र के अनुसार गृहमंत्री ने सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की लोकप्रियता के कारण विपक्ष का मनोबल कमजोर है इसलिए वह सदन की कार्यवाही में व्यवधान डाल रहा है। उन्होंने पार्टी सांसदों से कहा कि वह सदन में उपस्थित रहें और जन समस्याओं को लेकर मजबूती से अपनी बात रखें। इसके साथ ही बैठक में सदस्यों को राफेल मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।