1984 के सिख दंगा मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में सज्जन कुमार को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। सोमवार को यह फैसला जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल ने सुनाया। उन्होंने सज्जन कुमार के अलावा पूर्व नेवी अधिकारी भागमल, कांग्रेस के पूर्व पार्षद बलवान खोखर, गिरधारी लाल और दो अन्य को भी ट्रायल कोर्ट से मिली उम्रैद की सजा को बरकरार रखा है।

उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट पिछले 11 सितंबर से रोजाना इस मामले की सुनवाई कर रहा था। सिख दंगा पीड़ितों की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील एचएस फुल्का ने ट्रायल कोर्ट के सज्जन कुमार को बरी किए जाने के फैसले को चुनौती दी थी। उन्होंने 31 जुलाई को सुनवाई के दौरान कहा था कि सिख दंगों के पीड़ितों को 34 साल बाद भी न्याय नहीं मिला है और उन्होंने रोजाना सुनवाई करने की मांग की थी। आखिरकार हाईकोर्ट ने शुरू की सुनवाई और 29 अक्टूबर को इस मामले में सज्जन कुमार व अन्य को दोषी करार देते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

इससे पहले निचली अदालत ने एक नवंबर 1984 को दिल्ली कैंट के राजनगर इलाके में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या के आरोप में पूर्व नेवी अधिकारी भागमल के अलावा, कांग्रेस के पूर्व पार्षद बलवान खोखर, गिरधारी लाल और दो अन्य को दोषी करार दिया था। ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में सज्जन कुमार को बरी कर दिया तो अन्य दोषियों ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट में सीबीआई ने भी सज्जन कुमार को बरी करने के खिलाफ याचिका दायर करते हुए कहा था कि इन दोषियों ने दंगों को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम किया था। अंतत: सोमवार को हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

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