राफेल लड़ाकू विमान की खरीदी प्रक्रिया की जांच की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज कर दिए जाने पर बीजेपी ने आरोप लगाने वाली कांग्रेस के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है. केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी अब आज देशभर के 70 शहरों में एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करेगी. इस दौरान पार्टी केंद्र सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रचने और देश की रक्षा के साथ गड़बड़ी करने को लेकर ‘कांग्रेस का पर्दाफाश’ करेगी.
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता, मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री समेत कई वरिष्ठ नेता इसके लिए तैयारियों में पहले से ही जुट गए थे. देश की 70 अलग-अलग जगहों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन ठीक उसी दिन होने जा रहा है जिस दिन कांग्रेस पार्टी के राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार बनाने का जश्न मना रही है. बता दें कि आज ही राजस्थान में कांग्रेस नेता अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश में कमलनाथ और छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
राहुल गांधी से मांफी मांगने की मांग
इस मामले में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को फ्रांस के साथ राफेल विमान सौदा मामले में प्रधानमंत्री और सरकार के खिलाफ ‘निर्लज झूठ’ बोलने के लिए माफी मांगनी चाहिए और कहा कि उन्हें सरकार पर हमला करने के लिए सूचना के स्रोतों के बारे में भी खुलासा करना चाहिए. शीर्ष अदालत में मामले की जांच की मांग वाली याचिका के खारिज हो जाने के तत्काल बाद एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि सत्य की जीत हुई और राहुल के ‘झूठ’ के पैर नहीं हैं. फैसले का संदर्भ देते हुए शाह ने कहा कि अदालत ने विमान की खरीद प्रक्रिया पर संतुष्टि जाहिर की है और मामले में जांच की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया.
कांग्रेस के नेताओं के मुंह पर तमाचा
अमित शाह ने कहा कि अदालत सरकार की इस दलील से सहमत हुई कि सौदे से देश को वित्तीय रूप से फायदा हुआ. उन्होंने कहा, “अदालत ने माना कि पड़ोसी देशों की वायुसेना चौथे और पांचवी पीढ़ी के विमानों से लैस है. इसलिए देश के हित में विमानों की खरीद में कोई देरी नहीं होनी चाहिए और इसे रोका नहीं जाना चाहिए.” शाह ने कहा, “अदालत ने यह भी कहा कि ऑफसेट पार्टनर के चयन में भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं है. यह (फैसला) कांग्रेस नेताओं के मुंह पर तमाचा है.”
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील मामले में फैसला देते हुए केंद्र सरकार को क्लीन चिट दी थी. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि राफेल डील प्रक्रिया में कोई खामी नहीं हुई. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपने फैसले में कहा था कि हमने इस मामले में तीन बिंदु- डील लेने की प्रकिया, कीमत और ऑफसेट पार्टनर चुनने की प्रकिया पर विचार किया और पाया कि कीमत की समीक्षा करना कोर्ट का काम नहीं जबकि एयरक्राफ्ट की ज़रूरत को लेकर कोई संदेह नहीं है.