पाकिस्तानी अभिनेत्री माहिरा खान ने छात्राओं का उत्पीड़न करने वाले परीक्षक सादत बशीर के खिलाफ आवाज उठाते हुए कहा है कि ऐसे आदमी का नाम फैलाकर उसे इस तरह से शर्मिदा किया जाना चाहिए कि वह एक मिसाल बन सके. माहिरा ने बुधवार को उन छात्राओं के आरोपों को रिट्वीट किया जिन्होंने परीक्षक पर उन्हें गलत तरीके से छूने तथा अश्लील टिप्पणी करने का आरोप लगाया है.
माहिरा ने ट्वीट किया, “ऐसे आदमी को और मशहूर करो. शर्म करो सादत बशीर. इसे एक उदाहरण की तरह पेश करो. सभी बहादुर लड़कियों को न्याय मिले. ईश्वर जाने इनसे पहले कितनी लड़कियां शिकार बनीं.” पाकिस्तान में एक स्कूल में एक छात्रा ने अपने परीक्षक पर उसका तथा लगभग 80 अन्य छात्राओं का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है.
छात्रा सबा अली ने फेसबुक पर लिखा, “मेरी जीव विज्ञान की प्रयोगात्मक परीक्षा 24 मई, 2018 को थी. मैं परीक्षा के पहले बैच में थी. मैं सुबह आठ बजे स्कूल पहुंच गई क्योंकि मैं चाहती थी कि मेरी प्रयोगात्मक परीक्षा की कॉपी मेरे शिक्षक जांचें. पहले सभी ने मुझे चेताया था कि परीक्षक बहुत सख्त हैं.” पाकिस्तान टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने आगे कहा कि परीक्षक ने परीक्षा के दौरान उनके शिक्षक को प्रयोगशाला में आने की अनुमति नहीं दी. बाद में शिक्षक के आग्रह पर उन्हें अंदर आने दिया गया.
छात्रा ने आगे लिखा, “हमारी शिक्षिका ने वहीं रहने का आग्रह किया क्योंकि वे छात्राओं को परीक्षक के साथ अकेला नहीं छोड़ना चाहती थीं. आखिर प्रधानाध्यापक ने उन्हें अन्दर रहने की अनुमति दे दी.” भयावह घटना को याद करते हुए उन्होंने लिखा, “इसके बाद जो हुआ उसका वर्णन करने के लिए मेरे पास शब्द तक नहीं हैं, लेकिन मैं कोशिश करूंगी. विकृत मानसिकता के मेरे परीक्षक सादत बशीर ने लगभग 80 छात्राओं को गलत तरीके से छुआ और उन पर अभद्र टिप्पणियां कीं.”
उन्होंने आरोप लगाया, “उसने दो बार गलत तरीके से मेरे शरीर पर अपने हाथ चलाए. जब मैं उसे मॉडल और स्लाइड दिखा रही थी तो उसने मेरे नितंब को छुआ और फिर स्लाइड देखने का बहाना करते हुए पीछे से मेरी ब्रा के स्ट्रैप को छुआ. ”
छात्रा ने लिखा, “जब मैं मेढक का परीक्षण कर रही थी, वह मेरे पास आया और मेढक का लिंग पूछने लगा. मैं बहुत ज्यादा नर्वस हो गई. मैंने कहा यह नर मेढक है, तो वह बोला कि यह मादा मेढक है. क्या तुम्हें इसका अंडाशय (ओवरी) नहीं दिख रहा है? तुम्हारे अंदर भी यह है.” छात्रा ने बताया कि परीक्षक बार-बार अंक काटने की धमकी दे रहा था. इसलिए कोई कुछ कर नहीं पा रहा था. उसने उस दिन लगभग 80 छात्राओं का उत्पीड़न किया.
सबा ने लिखा, “आज महिलाएं रोजाना यौन उत्पीड़न रा सामना कर रही हैं. उन्हें ही इसका जिम्मेदार बता दिया जाता है यह कहकर कि वे कैसे कपड़े पहनती हैं या चलती हैं या बोलती हैं. लेकिन, मैंने आपको बताया कि हम यूनिफार्म में थे, प्रैक्टिकल इम्तेहान दे रहे थे. तो, यह न तो कपड़े की बात है और न ही ऐसी कोई और बात. इसका जिम्मेदार सिर्फ ऐसा करने वाला व्यक्ति और उसकी बीमार मानसिकता है.”