नई दिल्ली : वसंत विहार में 16 दिसंबर 2012 को जिस घिनौने निर्भया कांड को अंजाम दिया गया, वो याद करके ही रूह कांप उठती है। इस वारदात से महिलाओं ने सबक लिया कि वह अब चुप नहीं रहेंगी। इसी का बड़ा कारण यह है कि एकदम से दुष्कर्म मामलों में केस दर्ज कराने में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है। वहीं छेड़छाड़ के मामलों में भी एफआईआर का ग्राफ बड़ा है। दिल्ली पुलिस द्वारा जारी आंकड़ो के अनुसार दिल्ली में वर्ष 2012 में जहां दुष्कर्म के 706 केस दर्ज हुए थे, वहीं वर्ष 2013 में 1636 मामले दिल्ली के विभिन्न थानों में दर्ज हुए। वहीं वर्ष 2014 में ये बढ़कर 2160 हुए और वर्ष 2017 में 2146 दुष्कर्म के मामले दर्ज किए गए। इस वर्ष 2018 की बात करें तो 30 नवंबर तक 1983 दुष्कर्म के मामले विभिन्न थानों में दर्ज हुए है। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पुलिस यह मानती है कि दुष्कर्म के मामले वर्ष 2012 के मुकाबले तीन गुना अधिक दर्ज हुए हैं, लेकिन इसकी वजह ऐसी घटनाओं का बढ़ना नहीं है। पहले भी इस तरह की घटनाएं हो रही थी, लेकिन उस समय महिलाएं लोकलाज के कारण चुप रह जाती थी, लेकिन निर्भया कांड के बाद ऐसी महिलाओं ने अपनी चुप्पी को तोड़ा है, जिसकी वजह से दुष्कर्म के मामले अधिक दर्ज हो रहे हैं।