सोनिया गांधी के गढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ‘मेक इन इंडिया’ की दिखाएंगे ताकत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (16 दिसंबर) को राष्ट्रीय राजमार्ग 232 के पुनर्निर्मित 133 किलोमीटर के रायबरेली मार्ग को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. यह मार्ग बुंदेलखंड, चित्रकूट, लखनऊ और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग है. सरकार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. नवनिर्मित राजमार्ग के कारण बांदा से रायबरेली की बीच यात्रा समय 7-8 घंटे से घटकर 2.5 घंटे रह जायेगा. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में इसकी जानकारी दी गयी है. जानकार मान रहे हैं कि प्रधानमंत्री रायबरेली में विकास योजनाओं की शुरुआत करके लोकसभा चुनाव से पहले विकास के मंत्र का संदेश देने की कोशिश करेंगे. साथ ही इस दौरे पर पीएम मोदी ‘मेक इन इंडिया’ के तहत तैयार रेल कोच फैक्ट्री के बारे में लोगों को बताएंगे. रायबरेली यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र है.

बयान में कहा गया है, ‘133 किलोमीटर की इस परियोजना को लगभग 558 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया गया है.’ यह मार्ग बुंदेलखंड के खनन क्षेत्र, तीर्थ केंद्र चित्रकूट, राज्य की राजधानी लखनऊ और पूर्वांचल के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग है. इस राजमार्ग पर राजमार्ग निर्माण सामग्री ले जाने वाले भारी यातायात देखने को मिलता है.

बयान में कहा गया है कि इस राजमार्ग के कारण यातायात की भीड़ में कमी आयेगी, प्रदूषण कम होगा और ईंधन की खपत कम होगी. इससे इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.

प्रधानमंत्री रायबरेली रेल कारखाने का दौरा करेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को उत्तर प्रदेश के रायबरेली स्थित आधुनिक रेल डिब्बा कारखाने का दौरा करेंगे. उनका यह दौरा इस लिहाज से काफी अहम है कि भारत की उच्च गुणवत्ता के रेल डिब्बों के विनिर्माण और निर्यात बाजार पर नजर है. उल्लेखनीय है कि रेलवे ने कुछ महीने पहले ही प्रस्ताव दिया था कि वह ऐसे देशों के लिए बुलेट ट्रेन के डिब्बे बनाने और निर्यात करने को इच्छुक है, जो तेज रफ्तार गलियारे का निर्माण कर रहे हैं.

इस कारखाने को लेकर पहले ही कई देश अपनी रूचि दिखा चुके हैं. कोरिया, जापान, जर्मनी, चीन और ताइवान के अधिकारी कारखाने का दौरा कर चुके हैं. रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि कई देश कम उत्पादन लागत की वजह से भारत का इस्तेमाल विनिर्माण के प्रमुख केंद्र के रूप में कर सकते हैं.

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘माडर्न कोच फैक्टरी (एमसीएफ)’ में पहली बार पूरे डिब्बे का विनिर्माण रोबोट द्वारा किया गया है. एक किलोमीटर लंबी उत्पादन लाइन में रोबोट को समानांतर तौर पर काम में लगाया गया है, जहां वे डिब्बों पर कुछ-कुछ काम कर रहे हैं. वर्तमान में 70 रोबोट काम में लगे हुए हैं. यह पूरी तरह से ‘मेक इन इंडिया’ है.’ 

प्रधानमंत्री के दौरे के बारे में अधिकारी ने कहा, ‘यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है. प्रधानमंत्री का यहां आना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे यह संदेश जाएगा कि भारत उसके कारखानों में तैयार डिब्बों के निर्यात के लिए प्रतिस्पर्धी बाजार में उतर रहा है.’

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