पिछले काफी दिनों से शांत पड़ा ड्रैगन एक बार फिर अपनी चालबाजियों को दिखाने लगा है. इस बार चीन भारत-चीन सरहद से जुड़े तिब्बत के इलाके में कई जगहों पर डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने में जुटा हुआ है.
सुरक्षा एजेंसियों ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट दी है कि भारत-चीन सरहद के नजदीक चीन अपने 630 गांवों को दोबारा बसा कर उनको मजबूत करने में लगा हुआ है. रिपोर्ट मुताबिक, चीन सरहद के जिन 630 गांव को दोबारा से बसा रहा है उन गांवों में आधुनिक व्यवस्था दे रहा है. साथ ही इस इलाके में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अपनी डिफेंस पोस्ट भी मजबूत कर रहा है.
यही नहीं चीन ने सरहद के नज़दीक मौजूद अपने इन सभी गांव को 2020 तक तिब्बत में मौजूद शहरों से हाईवे के जरिए जोड़ने का प्लान तैयार किया है. सूत्रों के मुताबिक, चीन इस तरीके से भारत के सरहद के नज़दीक अपने गांव में स्ट्रैटिजिक पोजीशन को देखते हुए उनका विकास कर रहा है. साथ ही यहां पर अपने डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने के लिए इन गांवों का आधुनिकीकरण कर रहा है.
बता दें कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जब भारत चीन सरहद के नजदीक लपथल और रिमखिम बॉर्डर आउटपोस्ट का दौरा किया था. उस दौरान राजनाथ सिंह ने यह कहा था भारत चीन सरहद से सटे हुए गांव का विकास करना हमारी बड़ी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि भारत-चीन सीमा पर रहने वाले नागरिकों की हमें चिंता करनी है.
जानकारों की मानें तो भारत चीन सरहद पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह के दौरे के बाद उन्होंने जो बयान दिया था उस पर गृह मंत्रालय काम कर रहा है. बता दें कि राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत-चीन सरहद पर रहने वाले गांव के लोगों का विकास करना उनकी बड़ी प्राथमिकता है. उन गांव के लोगों को बेहतर सुविधाएं दिलाई जाएं.
गृह मंत्री ने बॉर्डर में मौजूद गांव के लोगों को भारत के लिए स्ट्रैटेजिक असेस्ट्स बताया था. यानी यह वह लोग हैं जो किसी भी तरीके की चीन की मूवमेंट की जानकारी देने की क्षमता रखते हैं. तमाम तथ्यों को देखते हुए शायद यह लगता है कि चीन भी अपनी डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर और इस स्ट्रैटेजिक पोजीशन को मजबूत करने के लिए अपने गांव का विकास करने में जुटा हुआ है. 2020 तक भारत चीन सरहद के पास मौजूद चीन अपने गांव को सभी बड़े शहरों से जोड़ने की कोशिश में लगा हुआ है.