अमेरिका और कनाडा ने वैंकूवर में गिरफ्तार चीनी अधिकारी के लिए निष्पक्ष न्यायिक प्रक्रिया अपनाने का वादा किया है. दोनों देशों ने वस्तुत: बदले की कार्रवाई के तहत हिरासत में लिए गए कनाडा के दो नागरिकों को रिहा करने का चीन से आग्रह किया है. कनाडा के विदेश और रक्षा मंत्री ने यहां अपने अमेरिकी समकक्षों से मुलाकात की.
मुलाकात के बाद कनाडा की विदेश मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने कहा कि अधिकारी चीन की टेलिकॉम कंपनी हुवावे की मुख्य वित्तीय अधिकारी मेंग वानझोउ की हिरासत के मामले में ईमानदारी से काम कर रहे हैं. अमेरिका ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के कथिततौर पर उल्लंघन के मामले में अधिकारी का प्रत्यर्पण चाहता है.
विदेश मंत्री ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम सब इस बात से सहमत हैं कि जो सबसे महत्वपूर्ण कार्य हम कर सकते हैं वह यह है कि विधि का शासन बरकरार रहे. यह सुनिश्चित करें कि उचित प्रक्रिया अपनाए जाने का सुश्री मेंग का अधिकार सुरक्षित रहे. साथ ही कनाडा में वर्तमान न्यायिक प्रक्रिया राजनीतिक रूप से तटस्थ रहे.
उन्होंने दोहराया कि कनाडा कानून के राज से चलने वाला देश है ,जिसने प्रत्यर्पण के अनुरोध का उचित जवाब दिया है. फ्रीलैंड ने कहा कि कनाडा में इस मुद्दे पर कोई राजनीतिक दखलंदाजी नहीं हुई है. वहीं, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिका भी इस मामले में हर कदम पर कानून का पालन कर रहा है. इस बीच, चीन ने आरोप लगाया है कि कनाडा और अमेरिका अपने दायरे से आगे बढ़े हैं. उसने कहा कि मेंग ने कोई कानून नहीं तोड़ा है.
कनाडा के पूर्व राजनयिक माइकल कोवरिग और एक अन्य कनाडाई नागरिक माइकल स्पेवोर को इस सप्ताह की शुरूआत में चीन में हिरासत में लिया गया था. उसका कहना है कि कनाडाई नागरिकों को ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने’’ के संदेह में गिरफ्तार किया गया. बीजिंग जासूसी के आरोप लगाने के दौरान अक्सर इस मुहावरे का इस्तेमाल करता है.
कनाडा के विदेश मंत्रालय ने कहा कि बीजिंग में उसके राजदूत जॉन मैकलम को कोवरिग तक वाणिज्य दूतावास पहुंच मुहैया कराई गई और स्पेवर तक पहुंच मुहैया कराने के लिये दबाव डाला जा रहा है. कनाडा की मीडिया से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि ‘जल्द ही’ पहुंच मुहैया कराई जाएगी.
उन्होंने टोरंटो में कहा कि हम हिरासत में लिये गए अपने नागरिकों के समर्थन में खड़ा होने को लेकर बिल्कुल स्पष्ट हैं. हम इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्यों ऐसा किया गया. चीन को यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि यह स्वीकार्य नहीं है. उधर पोम्पिओ ने दो व्यक्तियों की गैरकानूनी हिरासत को अस्वीकार्य बताया है और उनकी रिहाई की मांग की है.