अमेरिकी संसद द्वारा तिब्बत पर एक सख्त कानून पारित किए जाने का स्वागत करते हुए देश के एक शीर्ष सीनेटर ने बुधवार को कहा कि यह कानून दशकों से हो रहे अन्याय के समाधान की दिशा में मजबूत द्विदलीय कदम है.
अमेरिकी संसद के दोनों सदनों ने ‘रेसिप्रोकल एक्सेस टू तिब्ब्त एक्ट’ पारित कर दिया है. अब यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पास हस्ताक्षर के लिए गया है जिसके बाद इसे कानून का दर्जा मिल जाएगा. इसके तहत अमेरिकी नागरिकों, सरकारी अधिकारियों और पत्रकारों को तिब्बत तक जाने की अनुमति नहीं देने वाले चीनी अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाने सहित अन्य कठोर कदम शामिल हैं.
अमेरिकी सीनेटर पैट्रिक लीह ने सदन में कहा यह कानून दशकों से हो रहे अन्याय के समाधान की दिशा में मजबूत द्विदलीय कदम है. उन्होंने रेखांकित किया कि चीन की सरकार ने मनमाने तरीके से तिब्बत जाने के लिए विदेशी राजनयिकों, पत्रकारों और पर्यटकों को विशेष परमिट जारी करने की अनिवार्यता लगा रखी है और वह अकसर परमिट देने से इंकार भी कर देता है. जबकि शिन्जियांग सहित अन्य क्षेत्रों के लिए ऐसी कोई अनिवार्यता नहीं है. लीह ने कहा, और जब चीन परमिट जारी करता भी है, उस वक्त भी चीनी सरकार का एक गाइड हमेशा सभी के साथ मौजूद होता है.