लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित बंगलों को खाली कराने के आदेश पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा भले ही पुनर्विचार याचिका दायर की गई है परंतु उन्होंने भी आवास खाली करना आरंभ कर दिया। बुधवार को शाम करीब पांच बजे चार- विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास से तीन ट्रकों में सामान सुब्रत राय सहारा के गोमतीनगर स्थित सहारा शहर के लिए रवाना किया गया। वैसे अखिलेश ने अभी राज्य संपत्ति विभाग को बंगला खाली करने के बाबत कोई सूचना नहीं दी है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बंगला खाली करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्रियों को 15 दिन का समय दिया गया था। यह अवधि दो जून को समाप्त हो रही है। नोटिस मिलने के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह व राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने पूर्व सीएम के रूप में मिले अपने बंगले खाली करने शुरू कर दिए थे। जबकि, पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह और अखिलेश यादव ने निज आवास न होने का हवाला देकर दो वर्ष का समय मांगा था। इतना ही नहीं अतिरिक्त समय के लिए दोनों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका भी दायर की है।
सरकार दो वर्ष देने को राजी नहीं
राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश कुमार शुक्ला का कहना है कि अखिलेश यादव व मुलायम सिंह की ओर से आवास खाली करने के लिए दो वर्ष मांगने के पत्र पर न्याय विभाग की हरी झंडी नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आवास खाली कराने को नियमानुसार कार्रवाई होगी। आवास खाली करने के लिए जारी नोटिस में 15 दिन का समय है, जो दो जून को पूरा होगा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में दायर पुनर्विचार याचिका पर किसी निर्णय जानकारी उनके पास नहीं है, इसलिए अतिरिक्त समय देने का औचित्य नहीं रहा।
एनडी चले माया की राह, ट्रस्ट का बोर्ड लगाया
बंगला बचाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के परिजनों ने बसपा प्रमुख मायावती की तर्ज पर आवंटित बंगला संख्या 1-मॉल एवेन्यू पर ट्रस्ट का बोर्ड लगा मामले को उलझाने की कोशिश की है। बुधवार को बंगले पर पंडित नारायण दत्त सर्वजन विकास फाउंडेशन कार्यालय का बोर्ड लगा दिया गया। उल्लेखनीय है कि एनडी की पत्नी उज्ज्वला तिवारी भी राज्य संपत्ति विभाग से आवास खाली करने के लिए एक वर्ष का समय मांग चुकी हैं। उन्होंने अपने पत्र में एनडी तिवारी की गंभीर बीमारी का हवाला भी दिया था। ब्रेन स्ट्रोक के कारण तिवारी दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती हैं। गत करीब आठ माह से उनका इलाज चल रहा है।
मायावती ने 6-लाल बहादुर शास्त्री मार्ग की चाबी स्पीड पोस्ट से भेजी
सरकारी बंगला खाली कराने का मामला बसपा अध्यक्ष मायावती ने और उलझा दिया है। बंगला नंबर 13-ए, मॉल एवेन्यू खाली करने के बजाये बुधवार को बसपा प्रमुख के निजी सचिव मेवालाल गौतम ने लालबहादुर शास्त्री मार्ग पर स्थित बंगला संख्या-6, की चाबी और पत्र अवर अभियंता सिविल, अनुरक्षण खंड-2 राज्य संपत्ति विभाग को स्पीड पोस्ट के माध्यम से प्रेषित कर कब्जा लेने का आग्रह किया है। पत्र में गत 29 मई को मायावती द्वारा राज्य संपत्ति अधिकारी को लिखे उस पत्र का जिक्र भी किया गया है जिसमें बंगला संख्या 6-लालबहादुर शास्त्री मार्ग का कब्जा लेने को कहा गया था।
उक्त बंगला गत 23 दिसंबर 2011 को उनको आवास के तौर पर आवंटित किया गया था। इसका किराया व बिजली बिल अदा कर दिया गया है। मेवालाल का कहना है कि राज्य संपत्ति अधिकारी कार्यालय ने उक्त पत्र प्राप्त करने से इनकार किया था इसलिए बंगला संख्या 6 की चाबियां और कब्जा लेने का पत्र स्पीड पोस्ट द्वारा भेजा गया है। बता दे कि मायावती अभी 13-ए बंगले में ही रह रही हैं।
आवास आवंटन की गुत्थी उलझी
बसपा प्रमुख मायावती को आवंटित आवास की संख्या की गुत्थी उलझ गई है। मायावती का कहना है कि उनको छह लालबहादुर शास्त्री मार्ग स्थित आवास आवंटित किया गया था जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का अनुपालन करते हुए खाली कर दिया गया है। जबकि राज्य संपत्ति विभाग का कहना है कि मायावती के नाम से 13-ए मॉल एवेन्यू आवास आवंटित है। बता दें कि बसपा राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा गत शुक्रवार को एनेक्सी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिल कर आवास खाली कराने के लिए अतिरिक्त समय देने की मांग कर चुके है।
उन्होंने कैबिनेट के फैसले व अन्य पत्रावलियां उपलब्ध कराकर बंगला नंबर 13-ए, मॉल एवेन्यू को कांशीराम यादगार विश्राम स्थल के तौर पर आवंटित करने की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि इसको बाद में मायावती के नाम से आवंटित कर दिया गया था लेकिन 13 जनवरी 2011 को कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि पूरा बंगला कांशीराम यादगार स्थल के नाम पर रहेगा और इसके दो कमरों में मायावती रहेंगी।
बाद में एक अन्य आदेश में कहा गया कि मायावती द्वारा आवास छोडऩे के बाद किसी दूसरे को वह आवंटित नहीं किया जाएगा और पूरा बंगला कांशीराम यादगार विश्राम स्थल ही रहेगा। उन्होंने बताया था कि मायावती के नाम 6, लाल बहादूर शास्त्री मार्ग स्थित बंगला आवंटित है जबकि नोटिस 13-ए, मॉल एवेन्यू स्थित बंगला खाली करने का दिया है। यह नोटिस त्रुटिपूर्ण है इसलिए समाधान होने तक उन्हें रहने दिया जाए। राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश शुक्ला का कहना है कि जो पत्रावलियां सौंपी गई है, वह विभागीय अभिलेखों से मेल नहीं खातीं।