अब तेलंगाना की बात करते हैं. तेलंगाना में कांग्रेस की बहुत बुरी हार हुई है और KCR यानी K चंद्रशेखर राव की सत्ता और शक्ति बरकरार है. वो लगातार दूसरी बार जीतने में कामयाब हुए हैं.
तेलंगाना में विधानसभा की कुल 119 सीटें हैं. जिनमें से TRS को 87 सीटें मिली हैं.
कांग्रेस के गठबंधन को सिर्फ 21 सीटें मिली हैं.
और अन्य के खाते में 11 सीटें आई हैं.
अब ज़रा उन कारणों को समझते हैं, जिसकी वजह से TRS को इतनी बड़ी जीत मिली है.
TRS की इतनी बड़ी जीत में सबसे बड़ा कारण है कांग्रेस और टीडीपी का गठबंधन.
जब तेलंगाना को अलग राज्य बनाने के लिए आंदोलन चल रहा था, तो टीडीपी ने इसका विरोध किया था. जब राज्य बना और हैदराबाद को तेलंगाना की राजधानी बनाया गया तब भी टीडीपी ने इसका विरोध किया था.
इसी बात को लेकर लोग तेलंगाना में टीडीपी से नाराज़ थे. कांग्रेस के Think Tank से ये बड़ी भूल हुई कि उन्होंने TDP के साथ गठबंधन कर दिया.
ये राजनीतिक भूल उन्हें भारी पड़ी और पूरा गठबंधन बुरी तरह से हार गया.
जबकि इसके उलट K चंद्रशेखर राव ने अपने राज्य के लोगों की नब्ज़ अच्छी तरह पकड़ी हुई है. KCR ने 6 महीने पहले विधानसभा के चुनाव करवाने का दांव खेला और उनका ये दांव सफल रहा.
K चंद्रशेखर राव ने ये चुनाव इसलिए पहले करवाए ताकि आगे वो अपना सारा ध्यान लोकसभा चुनावों पर लगाएं. अब वो विधानसभा में बड़ी जीत हासिल करके लोकसभा चुनावों में जाएंगे, जिसका उन्हें बड़ा फायदा होगा.
इसके अलावा K चंद्रशेखर राव ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के साथ गठबंधन किया. इस पार्टी ने कुल 8 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिसमें से उन्होंने 7 सीटें जीतीं.
KCR को इसका फायदा ये हुआ कि उन्हें पूरे राज्य के मुसलमानों का समर्थन मिला.
इसके अलावा K चंद्रशेखर राव को किसानों के वोट भी मिले. किसानों को उनकी सरकार मुफ्त बिजली दे रही थी. और इसका फायदा उन्हें चुनावों में भी मिला.