सीएम योगी के दौरे के बाद स्कूल पर पड़ी अधिकारियों की नजर और बदलने लगी सूरत
कुशीनगर : अब मुसहरों के बच्चों के घोंघा सीपी से खेलने के दिन लद गए। पढ़ाई के साथ अब तैयारी है उनके हाथों में बैडमिंटन और बॉलीबाल पकड़ाने की है। यह ताजा अभिनव प्रयोग मैनपुरकोट गांव के प्रधान भागवत यादव ने किया है। प्रधान ने गांव के प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को बैडमिंटन किट और बॉलीबाल, फुटबाल देकर प्रयोग की शुरुआत की है। गत वर्ष 25 जून, 2017 को मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ इस स्कूल में आए थे। तभी से शुरू नए नए नए प्रयोगों के चलते यह स्कूल रोल मॉडल बनता जा रहा है। मुख्यमन्त्री ने इस विद्यालय पर इंसेफेलाइटिस टीकाकरण का शुभारम्भ किया था। सीएम के आगमन से स्कूल अधिकारियों की नजर में आ गया और जिससे विद्यालय की सूरत बदलनी शुरू हुई। विद्यालय स्टाफ ने ग्राम पंचायत और विभाग के समन्वय से विद्यालय में संंसाधन और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर दिया जिससे बच्चों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई। परिणाम अनुकूल रहा। छात्रों की संख्या डेढ़ सौ पार कर चुकी है और नियमित उपस्थिति में भी खासी वृद्धि हुई है।
संंसधानों के मामले में भी विद्यालय निजी स्कूलों को पीछे छोड़ता जा रहा है। प्रत्येक कमरे में डेस्क बेंच के साथ दो-दो सीलिंग फैन, आरओ वाटर, किचन, शौचालय, चाहरदीवारी, मुख्य द्वार का निर्माण, रीडिंग गार्डन और स्वच्छ वातावरण के मामले में विद्यालय नजीर बन गया है। चाहरदीवारी की दीवारों पर प्रेरणादायी स्लोगन लिखने व आकर्षण चित्रकारी का कार्य जोरों पर है। अब बच्चों को खेल किट्स देकर उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद की ओर उन्मुख किया जा रहा है। खेल किट्स बच्चों को बारी बारी से घर ले जाने के लिये भी दी जाएगी। सुकई, मयंक, सन्हू, आलोक, दिलशान, फूलकली, अस्मिता, उर्मिला आदि छात्र खेल किट्स मिलने से काफी खुश है।
मैनपुर गांव में मुसहर समुदाय की बड़ी आबादी है। आज भी यह आदिवासी सरीखा जीवन जीते हैं। मुसहर बच्चे तालाब पोखरे से घोंघा, सीपी, संखिया आदि पकड़म पकड़ाई का खेल खेलते हैं। प्रधानाध्यापक संजय यादव का कहना है कि संसाधन विकसित करने के अलावा छात्र संख्या बढ़ाने के लिए अभिभावकों के बीच जागरुकता अभियान चलाया गया। बच्चों की भी अभिरुचि जगाई गई। ग्राम प्रधान भागवत ने अपने क्षेत्र के सभी विद्यालयों को ग्राम निधि से खेल किट्स देने की बात कही है।प्रधान का कहना है कि खेल किट्स देने का मकसद मुसहर बच्चों में पढ़ाई के साथ खेल कूद की मानसिकता विकसित करने की है।