एसपी पश्चिम ने सुरेंद्र कुमार दास के मोबाइल फोन रिकार्ड, सुसाइड नोट, व्हाट्सएप मैसेज, डॉयरी को देखा। आईपीएस के सरकारी आवास में तैनात रहे कर्मचारियों, पुलिसकर्मियों से बातचीत कर उनके बयान दर्ज किए। आईपीएस के भाई नरेंद्र दास, मां व परिवार के अन्य लोगों के साथ ही उनकी पत्नी डॉ. रवीना सिंह, ससुर डॉ. रावेंद्र सिंह और सास के अलग-अलग बयान दर्ज किए।
इस दौरान परिवार और ससुराल के बीच आईपीएस की गृहस्थी के सामान के बंटवारे को लेकर खींचतान सामने आई थी। इसके बाद दोनों परिवारों ने आपसी सहमति के साथ सामान बांट लिया था। एसपी के मुताबिक जांच में खुदकुशी के लिए कोई जिम्मेदार नहीं पाया गया।
पारिवारिक विवाद में आईपीएस डिप्रेशन में रहते थे। उन्होंने एकाएक खुदकुशी का फैसला नहीं लिया था। जहर खाने के कई दिन पहले से वह सोशल मीडिया में मौत का आसान तरीका खोजने की तलाश करते रहे। इसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया था।
यह था मामला
एसपी पूर्वी सुरेंद्र कुमार दास ने 4 सितंबर को कैंट स्थित सरकारी आवास में जहर खा लिया था। पत्नी डॉ. रवीना और स्टॉफ ने उन्हें रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया था। 9 सितंबर को अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद से सुरेंद्र कुमार के घर और ससुराल वाले एक-दूसरे को उनकी मौत का जिम्मेदार बता रहे थे। दोनों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था। एडीजी अविनाश चंद्र ने मामले की जांच एसपी पश्चिम संजीव सुमन को सौंपी थी।