चित्रकूट : जिले के पहाड़ी थाना क्षेत्र के जमहिला में गांव से बाहर खेतों पर बबूल के पेड़ की डाल में रोजगार सेवक का शव लटकता मिलने से हड़कंप मच गया। ग्रामीणों की सूचना पर मौके में पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया। मौत की खबर सुनकर घर वालों में कोहराम मच गया। मृतक के भाई ने रविवार को विभागीय अधिकारियों पर इस मामले में गंभीर आरोप लगाते हुए कार्रवाई के लिए थाने में तहरीर दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जमहिल निवासी जगन्नाथ पांडेय (48) पुत्र धर्मपाल पांडेय गांव में ही रोजगार सेवक के पद पर कार्यरत था। शनिवार को दोपहर बाद वह घर से खेतों की ओर निकला। इसके बाद खेतों पर ही बबूल के पेड़ पर उसने फांसी लगाकर जान दे दी। शाम को कुछ ग्रामीणों ने पेड़ पर उसका शव लटका हुआ देखा तो पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतरवाया। इसके बाद जानकारी मिलने पर घर वाले भी मौके में पहुंच गए। रविवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया।
मृतक के बड़े भाई बालेश्वर पांडेय ने बताया कि पिछले 30 नवंबर को पहाड़ी ब्लाक मुख्यालय में बैठक बुलाई गई थी। जिसमें डीसी मनरेगा, बीडीओ पहाड़ी ने उसके भाई को काफी डांटा था। धमकाया था कि उसके गांव में मनरेगा का काम ठीक नहीं चल रहा है। ऐसे में उसकी नौकरी समाप्त कर दी जाएगी। आरोप लगाया कि इसी के चलते उसके भाई ने खुदकुशी कर ली। मृतक पांच भाइयों में तीसरे नंबर का था। उसकी शादी भी नहीं हुई थी। इधर डीसी मनरेगा अरूण चौधरी से कई बार फोन पर इस मामले को लेकर संपर्क किया गया, लेकिन उन्होनें रिसीव नहीं किया। जबकि बीडीओ शेर बहादुर सिंह का कहना है कि बैठक में सभी रोजगार सेवक, सचिव आदि सभी बुलाए गए थे। उन्होंने रोजगार सेवक को किसी भी तरह से नहीं डांटा। डीसी मनरेगा के संबंध में वह कुछ नहीं बता सकते क्योंकि बैठक के दौरान कुछ देर के लिए वह दूसरे कक्ष में चले आए थे। उधर थानाध्यक्ष पहाड़ी उदयवीर सिंह चंदेल का कहना है कि मृतक के भाई ने तहरीर दी है। कई अधिकारियों पर आरोप लगाया है। बताया कि जांच की जा रही है।