उत्साहित दुष्यंत चौटाला बोले, चौधरी देवीलाल की नीतियों पर चलेगी पार्टी
चंडीगढ़ : रविवार को जींद जिले के तीर्थस्थल पांडू पिंडारा (हरियाणा) में एक और राजनैतिक दल के गठन की विधिवत घोषणा कर दी गयी। हाल में इंडियन नेशनल लोकदल से निष्कासित एवं पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के सांसद पौत्र दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व में इस पार्टी का नाम पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल के विचारों को साकार करने के उद्देश्य को सामने रखते हुए “जननायक जनता पार्टी” (जन जन पार्टी) रखा गया है। इस अवसर पर इस नई पार्टी के नए झंडे को भी लांच किया गया, जिस में सत्तर प्रतिशत हरा तथा तीस प्रतिशत पीला रंग निर्धारित किया गया है तथा पार्टी को चौधरी देवीलाल की विरासत दर्शाने हेतु झंडे में देवीलाल के चित्र को भी अंकित किया गया है।
उत्साह से भरे युवाओं की भारी भीड़ के बीच दुष्यंत चौटाला ने कहा कि नई पार्टी चौधरी देवीलाल की नीतियों पर चलेगी तथा उनके “एक नोट और एक वोट” के नारे का अनुसरण करते हुए हर व्यक्ति से जुड़ेगी। उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे हर पार्टी के वर्कर को अपनी पार्टी से जोड़ें। उन्होंने कहा कि जिन्दा हो तो जिन्दा दिखना भी जरूरी है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे भाजपा, कांग्रेस तथा इनेलो को प्रदेश से उखाड़ फेंके। वर्तमान भाजपा सरकार पर प्रहार करते हुए दुष्यंत ने कहा कि आज सरकार नौकरी के नाम पर युवाओं को ठग रही है तथा महिलाओं की सुरक्षा खतरे में है। उन्होंने सरकारी स्कूलों की दयनीय स्थिति पर टिपण्णी करते हुए कहा कि उनकी सरकार आते ही सरकारी स्कूलों की हालत सुधारी जायेगी।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा में जेबीटी अध्यापक मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला अपने बड़े पुत्र अजय सिंह चौटाला के साथ दस वर्ष की सजा काट रहे हैं। उनकी अनुपस्थिति में पार्टी को चलाने का दायित्व इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने अपने छोटे पुत्र अभय सिंह चौटाला को सौंपा हुआ था परन्तु अजय सिंह चौटाला, जो सजा से पहले सुप्रीमो चौटाला के अघोषित राजनैतिक वारिस माने जाते थे, की विरासत को सँभालने हेतु उनके बड़े पुत्र दुष्यंत चौटाला, वर्तमान में हिसार से लोक सभा सांसद, अपने छोटे भाई दिग्विजय सिंह चौटाला, जो इनेलो की स्टूडेंट विंग ‘इनसो’ के सर्वेसर्वा हैं, के साथ मिलकर दिन रात एक कर इनेलो को युवा वर्ग से जोड़ने में काफी हद तक सफल रहे, क्योंकि अधेड़ उम्र में कदम रख चुके अभय सिंह चौटाला की छवि लोगों में आक्रामक ज्यादा रही है। इसलिए दुष्यंत चौटाला की सौम्यता एवं सादगी में युवाओं को स्वर्गीय देवीलाल की ‘जन नेता’ की उभरती छवि अधिक आकर्षक लगी और प्रदेश के युवा वर्ग को दुष्यंत के रूप में अपना नेता नज़र आया। नतीजन कारवां बढ़ता गया और युवाओं को दुष्यंत का कद मुख्यमंत्री के पद के काबिल लगने लगा। इसी मध्य बहुजन समाज पार्टी से हुए गठबंधन ने इनेलो की जीत की आस और पुख्ता कर दी।
पार्टी सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला तथा अजय सिंह चौटाला की गैरमौजदगी से इनेलो में आई रिक्तता के चलते एवं दुष्यंत के प्रति पैदा हुए गर्मजोशी के माहौल में दुष्यंत को भी लगने लगा था कि आगामी 2019 के विधान सभा चुनावों में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान होने का उनका सपना एक हकीकत में भी तब्दील हो सकता है। जन सभाओं में भी दुष्यंत समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करने लगे। इसी प्रोजेक्शन ने अभय चौटाला को चोकन्ना कर दिया और वो अपने आक्रामक रुख के बलबूते पर पार्टी सुप्रीमो सीनियर चौटाला को अपने प्रतिद्वंद्वी दोनों भतीजों दुष्यंत एवं दिग्विजय के कदों को छोटा करवाने के प्रयास में दोनों भाइयो तथा उनके जेल में सजा काट रहे पिता अजय चौटाला को इंडियन नेशनल लोकदल से ही निकलवा दिया। इसी निकासी के परिणाम स्वरुप इनेलो से टूटकर आये लोगों के साथ मिलकर दुष्यंत चौटाला ने आज नए दल का विधिवत गठन कर लिया, परन्तु इतनी भारी मात्रा में दुष्यंत को लोगों का समर्थन मिलेगा इसका संभवतः न तो अभय चौटाला और न ही इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश को अनुमान था।
राजनैतिक विचारकों के अनुसार आज की रैल्ली ने सिद्ध कर दिया लगता है कि चौधरी देवीलाल की लिगेसी अभय की बजाय दुष्यंत के साथ है। आज ही इनेलो के बैनर तले हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला ने चंडीगढ़ में जाट भवन में विधायको तथा पार्टी पदाधिकरियों की एक मीटिंग आयोजित की। पत्रकारों से बातचीत में अभय सिंह ने कहा कि यदि दुष्यंत व उनकी माता नैना चौटाला इनेलो के खिलाफ नए दल का गठन कर रहे हैं तो वे इनेलो से त्याग पत्र क्यों नहीं देते? उन्होंने कहा कि नया दल ज्यादा दिन तक नहीं टिक पायेगा।