उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि यह एक तथ्य है कि मोदी सरकार के दौरान नफरत में 500 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. नफरत वाले बयान देने वालों में 90 प्रतिशत बीजेपी के नेता हैं. लगता है कि ऊँटपटांग बयान देने के मामले में बीजेपी के तमाम नेताओं में कई प्रतिस्पर्द्धा चल प्रतिस्पद्र्धा चल रही है.
अखिलेश यादव ने शनिवार को बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी राष्ट्रीय मसलों पर अब तक कोई ठोस नीति नहीं बना सकी है.
‘राष्ट्रीय मसलों पर कोई ठोस नीति नहीं बना सकी है सरकार’
अखिलेश ने एक बयान में कहा कि बीजेपी ने केंद्र और राज्य में जब से सत्ता सम्हाली है वह राष्ट्रीय मसलों पर कोई ठोस नीति नहीं बना सकी है. बीजेपी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को चौपट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है . साथ ही जनसामान्य की जिंदगी को भी तबाह किया है. उसकी प्राथमिकता में कभी गरीब, किसान, नौजवान नहीं रहे हैं इसलिए जनहित की कोई योजना बीजेपी सरकारों ने लागू नहीं की है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी नेतृत्व को पता है कि नोटबंदी और जीएसटी से व्यापक स्तर पर अराजकता पैदा हुई है. व्यापार, कारोबार में संकट हैं. नोटबंदी से ना तो भ्रष्टाचार पर और ना ही आतंकवादी हरकतों पर रोक लगी, ना पत्थरबाजी रूकी और ना ही कालाधन खत्म हुआ. उल्टे, बेरोजगारी और महंगाई बढ़ गई.
‘बीजेपी सरकार ने तो भारत को अन्य देशों के मुकाबले पीछे कर दिया है’
सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने तो भारत को अन्य देशों के मुकाबले पीछे कर दिया है. जो लोग विकास विरोधी हैं, वे ही जनविरोधी कामों को बढ़ावा देते और संविधान के ढांचे को कमजोर करते हैं. मतदाताओं ने तय कर लिया है कि वे अब प्रगति की ओर ही अपने कदम बढ़ाएंगे.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा लोकतंत्र, समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता के लिए प्रतिबद्ध है. उसका मानना है कि देश का विकास होगा तो सभी खुशहाल होंगे. सपा की लोकप्रियता और ताकत में बीजेपी जितने भी अवरोध पैदा करने की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कोशिशें कर लें, उसमें उसे सफलता मिलने वाली नहीं है.