इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के मामले में नया एंगल सामने आया है. मेरठ जोन के आईजी राम कुमार के मुताबिक ”घटना के बाद कुछ गांववालों के बयान लिए गए थे. इसमें जांच के आधार पर महाव गांव के एक जीतू नाम के जवान का नाम सामने आया है कि उसने इंस्पेक्टर सुबोध को गोली मारी है. जीतू जम्मू-कश्मीर में पोस्टेड है. उसे लेने के लिए टीम गई है, उससे पूछताछ के बाद ही साफ़ होगा कि गोली उसने चलाई या नहीं. फिलहाल शक के आधार पर उसको लेने के लिए टीम जम्मू गई है.”
इस संबंध में एडीजी मेरठ जोन के प्रशांत कुमार का कहना है कि अभी तक 3 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है. एसआईटी का गठन हो चुका है. एसआईटी ने एक व्हाट्सएप नंबर बना रखा है जिसमें किसी भी तरह की सूचना शेयर करने की बात कही गई है…एक एफआईआर दर्ज है जिसमें 27 लोग नामजद हैं, इसमें से 3 आदमी जेल भेजे जा चुके हैं. 50-60 लोग अज्ञात हैं. जीतू फौजी भी नामजद है. जो 27 लोग हैं, उसमें से ही जीतू फौजी का भी नाम है. सभी की भूमिका का परीक्षण चल रहा है. जल्दी एसआईटी गिरफ्तारी करेगी.
इस बीच आरोपी जीतेंद्र (जीतू) के परिजनों ने बताया कि पुलिस ने घर पर आकर तोड़-फोड़ की है. परिजनों ने पूछने पर बताया कि हमारे बेटे जीतू का नाम रंजिशन लिया गया है. काबिलेगौर है कि जीतू सेना का जवान है और फिलहाल कारगिल में उसकी तैनाती है. जीतू की मां रत्नकौर ने बताया कि उनके घर की हर चीज़ नष्ट कर दी गई है. उन्होंने कहा कि अगर मेरा बेटा दोषी है और अगर उसने पुलिस को गोली मारी है तो मेरे बेटे को गोली मार दो नहीं तो मेरे घर में तोड़फोड़ का जो भी नुकसान हुआ है उसका चार गुना देना होगा. इसके साथ ही परिजनों ने बताया कि जीतू 20 दिन की छुट्टी आया था. लेकिन मौके पर जीतू नहीं गया था.
बुलंदशहर हिंसा के मामले में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच में उत्तर प्रदेश एसटीएफ भी उसकी मदद कर रही है. अपर पुलिस महानिदेशक (अभिसूचना) मामले की जांच कर राजधानी वापस आ गये हैं और अपनी रिपोर्ट जल्द ही उच्चाधिकारियों को सौपेंगे.
इससे पहले आईजी (अपराध) एस के भगत ने बृहस्पतिवार की शाम पत्रकार वार्ता में बताया कि आईजी मेरठ के नेतृत्व में चार सदस्यीय एसआईटी टीम ने जांच का काम शुरू कर दिया है. इसके अंतर्गत वह घटना वाले दिन की तमाम वीडियो फुटेज का भी बारीकी से निरीक्षण कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि हिंसा के पीछे कौन-कौन लोग शामिल है. इस काम में एसआईटी की मदद उत्तर प्रदेश एसटीएफ कर रही है.
उन्होंने कहा कि बुलंदशहर हिंसा के मामले में आरोपियों को पकड़ने के लिये पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही है. उनसे पूछा गया कि क्या इस हिंसा का मुख्य आरोपी योगेश राज है, इस पर उन्होंने जवाब दिया कि उसका नाम एफआईआर में तो है लेकिन वह मुख्य आरोपी है या नहीं इसका पता एसआईटी की जांच में ही लगेगा.
एक सवाल के जवाब में आईजी (अपराध) ने साफ किया कि प्रथमदृष्टया मिली जानकारी के अनुसार इंस्पेक्टर सुबोध कुमार और एक अन्य युवक सुमित की हत्या 32 बोर की गोली से हुई है. अब गोली एक ही रिवाल्वर से चली है या अलग-अलग रिवाल्वर से इसका पता एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा.
आईजी (अपराध) ने कहा कि अपर पुलिस महानिदेशक (अभिसूचना) अपनी जांच कर राजधानी वापस आ गये हैं और वह जल्द ही अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौपेंगे. गौरतलब है कि कि सोमवार को बुलंदशहर के चिंगरावठी पुलिस चौकी पर कथित गौकशी की खबर के बाद भीड़ की हिंसा के बाद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी.