कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू की राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान अलवर की रैली में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगने के बाद जी न्यूज (Zee News) ने जब इस वीडियो को दिखाया तो कांग्रेस के नेताओं ने इसकी प्रामाणिकता पर सवाल उठाते हुए उल्टे जी न्यूज पर ही ‘फेक वीडियो’ प्रसारित करने का आरोप लगाया. इस संदर्भ में हमारे सहयोगी अखबार DNA ने जी न्यूज (Zee News) के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी से बात की:
DNA: कांग्रेस का आरोप है कि Zee News ने फेक वीडियो दिखाया है और उस रैली में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे नहीं लगाए गए. क्या ये सही आरोप हैं?
सुधीर चौधरी: मैं इस आरोप का पूरी तरह से खंडन करता हूं कि ये फर्जी (फेक) वीडियो है. ये वीडियो 100% सही है. इसकी सत्यता इस बात से जांची जा सकती है कि हमारे पास इस तरह की सात फीड हैं जोकि उस आयोजन के दौरान लाइव रिकॉर्डेड की गई थीं और हर फीड में उसी समय पर वही नारे सुनाई दिया. यह आजकल का फैशन हो गया है कि जब कोई कांग्रेस का नेता ऐसी किसी परिस्थिति में पकड़ा जाता है तो पार्टी उसका बचाव करते हुए वीडियो को ही फर्जी करार दे देती है. ये और कुछ नहीं बस उस परिस्थिति से निकलने की कांग्रेस की रणनीति है. Zee News उस वीडियो की सत्यता के दावे पर पूरी तरह से कायम है.
DNA: सिद्धू ने भी इस मामले में धमकी देते हुए कहा कि नानी याद दिला देंगे? इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
सुधीर चौधरी: नवजोत सिंह सिद्धू ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया है, मैं उसकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. कांग्रेस ने हमेशा दावा किया है कि पार्टी अभिव्यक्ति की आजादी और लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास करती है. वह देश की सबसे पुरानी पार्टी है. लेकिन जब उसके ऐसे प्रमुख नेता अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं तो ये स्पष्ट रूप से उनकी पार्टी लाइन की तरफ नहीं झुकने वाले मीडिया की आवाज को दबाने का प्रयास है. ये दर्शाता है कि कांग्रेस और उनके नेताओं का अहंकार सातवें आसमान पर है.
DNA: यहां तक कि एडीटर्स गिल्ड ने भी अभी तक इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोला? आगे का क्या एक्शन होगा?
सुधीर चौधरी: Zee News (जी न्यूज) हमेशा देश के लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान किया है. हमें देश के कानून पर भरोसा है इसलिए न्याय के लिए लीगल फ्रेमवर्क के भीतर उपलब्ध सभी विकल्पों पर विचार किया जाएगा. हमने न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशंस (News Broadcasters Associations) और एडीटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (Editors Guild of India) को लिखित शिकायत भेजी है. यदि जरूरत पड़ी तो कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे. सो कांग्रेस ने जो रुख अपनाया है उसके खिलाफ हम लोकतांत्रिक तरीके से अपने विरोध को प्रकट कर रहे हैं. यह निराशाजनक है कि एडीटर्स गिल्ड ने अभी तक इस मामले का संज्ञान नहीं लिया है लेकिन उम्मीद है कि मीडिया का बड़ा हिस्सा हमारे अभियान का समर्थन करेगा. मेरा यह भी मानना है कि ये केवल हमारी लड़ाई नहीं है बल्कि इसको संपूर्ण मीडिया बिरादरी के संघर्ष के रूप में देखना चाहिए.
DNA: क्या सिद्धू ने ये अपने आप किया या उनको अपनी पार्टी का समर्थन भी है?
सुधीर चौधरी: कांग्रेस जैसे बड़े दल में सिद्धू जैसे नेता अकेले इस काम को नहीं कर सकते. आपने देखा होगा कि जब वह पाकिस्तान गए थे तो उनके मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह नहीं चाहते थे कि वे जाएं. लेकिन पाकिस्तान से लौटने के बाद सिद्धू ने बेहद स्पष्ट शब्दों में कहा उनके कैप्टन अमरिंदर नहीं बल्कि राहुल गांधी हैं. राहुल ने हालांकि इस पर आपत्ति जताई. लेकिन उनको अपने क्रियाकलापों के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की मंजूरी प्राप्त है.