भाजपा सांसद सावित्री बाई फूले ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। सावित्री का कहना है कि पार्टी समाज में विभाजन पैदा कर रही है। बता दें कि सावित्री बाई फूले यूपी के बहराइच से लोकसभा पहुंची हैं। बता दें कि सावित्री बाई फूले कई बार पार्टी लाइन से हटकर बयान दे चुकी हैं। इसके अलावा वो समय-सयम पर दलितों का नाम लेकर योगी सरकार पर भी हमला बोलती रहती हैं।
सावित्री ने कहा था- आरक्षण और संविधान खतरे में
बता दें कि सावित्री बाई ने हाल ही में मऊ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि भाजपा सरकार संविधान व आरक्षण समाप्त करने का कुचक्र रच रही है जिसे बहुजन समाज किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगा। बहुजन समाज के लोगों को बाबा साहब डा.भीमराव आंबेडकर व भगवान गौतम बुद्ध जैसे महापुरुषों के बनाए गए संविधान विचार व व्यवस्था पर एकजुट होकर चलना होगा।
‘अयोध्या में राम नहीं बुद्ध का मंदिर बनना चाहिए’
इसके अलावा सावित्री बाई फूले अयोध्या में भी पार्टी लाइन से हटकर बयान दे चुकी हैं। सलेमपुर (दाउदपुर) में आयोजित भीम चर्चा महोत्सव में उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर नहीं बुद्ध का मंदिर बनाने की बात कही थी। सावित्री ने कहा, ‘अयोध्या में राम नहीं बुद्ध का मंदिर बनना चाहिए। यह कार्य तभी संभव होगा जब बहुजन समाज व पिछड़ा समाज एकजुट होकर अपनी ताकत का एहसास कराएगा। मैं सांसद बनी हूं तो वह बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर की देन है। अगर मेरी सीट आरक्षित नहीं होती तो क्या सांसद बन पाती! ‘