प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के विश्वविख्यात संकट मोचन को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। मंदिर के महंत प्रोफेसर विश्वम्भरनाथ मिश्र को धमकी भरा पत्र मिला है। जिसमें यहां पर 2006 से बड़ा ब्लास्ट करने को कहा गया है।
संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्र के मुताबिक सोमवार देर की रात एक धमकी भरा पत्र मिला। जिसमें लिखा था कि मंदिर में मार्च, 2006 से बड़ा धमाका करेंगे। इसके साथ ही धमकी को हल्के में न लेने की चेतावनी भी दी गई है। कल देर रात प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्र ने लंका थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। इस चिट्ठी में दर्ज दोनों नामों जमादार मियां और अशोक यादव पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र को किसी अज्ञात शख्स ने मंदिर को बम से उड़ाने का धमकी भरा पत्र भेजा है।
इसके बाद महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने इस धमकी भरे पत्र को गंभीरता से लेते हुए पुलिस से लिखित में शिकायत की है। बताया जा रहा है कि यह पत्र महंत के आवास पर भेजा गया है। यह पत्र हाथ से ही लिखा हुआ है। मंदिर बम से उड़ाने के धमकी भरे पत्र से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। महंत ने धमकी भरा पत्र मिलने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय, आईबी और एडीजी जोन को इसकी जानकारी दी।एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने महंत को धमकी भरा पत्र मिलने की पुष्टि की है। एसएसपी ने उच्चाधिकारियों की बैठक बुलाई और पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी क्राइम ब्रांच को सौंपी है। क्राइम ब्रांच ने मामले से जुड़े हर पहलू पर गंभीरता से जांच शुरू कर दी है।
वाराणसी के प्रसिद्ध संकटमोचन मंदिर आतंकवादी 2006 में हमला झेल चुका है। मंदिर में धमाके में कई लोग मारे गए थे। इस धमाके से मंदिर काफी क्षतिग्रस्त हुआ था। वहीं वर्ष 2010 में भी धमाके की कोशिश को पुलिस ने नाकाम किया था। लेटर में संकट मोचन मंदिर में ब्लास्ट करने की बात कही गई है, जिसके बाद इस पूरे मसले पर भेलूपुर थाने में तहरीर दी गई है। फिलहाल पूरे प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए पुलिस मामले की जांच कर रही है। यह धमकी छह दिसंबर से पहले दी गई है।
इस पूरे मामले में एसएसपी वाराणसी आनंद कुलकर्णी का कहना है कि एक लेटर प्राप्त हुआ है जो मंदिर के महंत को मिला है। इस लेटर को संज्ञान में लेकर मामले की जांच की जा रही है किसने भेजा है और कब भेजा है। पूरी जांच जारी है। पूरे प्रकरण में क्राइम ब्रांच पुलिस के साथ एटीएस की टीम को भी लगाया गया है। संकट मोचन मंदिर की सुरक्षा को पहले से ज्यादा पुख्ता कर दिया गया है। जांच के बाद यह बात सामने आएगी कि यह लेटर कैसा है और किसने लिखा है। फिलहाल मंदिर के पास सुरक्षा और बढ़ा दी गई है।
धर्म की नगरी कई बार आतंकवादी घटना का दंश झेल चुकी है। संकट मोचन मंदिर देश के प्रमुख मंदिरों में एक माना जाता है। इससे पहले काशी के संकट मोचन मंदिर में 2006 के बम धमाके में सात लोगो की जान चली गई थी। अब इससे बड़ा धमाका करने की धमकी ने प्रशासन के कान खड़े कर दिए हैं और मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। सात मार्च, 2006 को संकट मोचन मंदिर, कैंट स्टेशन और दशाश्वमेध घाट पर सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। इन धमाकों संकट मोचन मंदिर में सात और कैंट स्टेशन पर 11 लोगों की मौत हुई थी जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।