लखनऊ : अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और पीएम नरेन्द्र मोदी की ओर से अयोध्या में आकर रामलला का दर्शन करने की मांग को लेकर छह दिन तक आमरण अनशन कर चर्चा में आए तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी महंत परमहंस दास इन दिनों फिर चर्चा में हैं। महंत श्री दास ने छह दिसंबर को विवादित ढांचे के ध्वंस की बरसी पर आत्मदाह करने की धमकी दी है। अपने इस विरोध प्रदर्शन की कड़ी में सोमवार को स्वामी परमहंस दास ने अपने आश्रम पर बाबर विचारधारा विध्वंस महायज्ञ कार्यक्रम का आयोजन किया और यज्ञ कुंड में आहुतियां डालीं। इस दौरान महंत श्री दास ने कहा कि छह दिसम्बर को वह हर हाल में आत्मदाह करेंगे। इस दौरान आश्रम के कई संत मौजूद रहे।
कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए स्वामी परमहंस दास ने कहा कि बाबर एक विदेशी आक्रांता और आतंकवादी था। आतंकवादी का कोई मजहब या धर्म नहीं होता। भारत के मुस्लिम समुदाय के लोगों को राम मंदिर के समर्थन में आगे आना चाहिए। भारत में तमाम मस्जिदें जिन्हें लेकर कोई विवाद नहीं है। लेकिन आतंकवादी बाबर के नाम की कोई भी मस्जिद स्वीकार नहीं की जानी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि आज समूचा विश्व आतंकवाद की समस्या से जूझ रहा है। भारत में रहने वाले अधिकांश मुस्लिम समुदाय के लोग इस बात को समझ चुके हैं। कुछ लोगों को वास्तविकता की जानकारी के अभाव के कारण बाबर से लगाव है। श्री दास ने कहा कि अगर मुस्लिम समुदाय चाहे तो सरयू नदी के उस पार मस्जिद बनाने के लिए वे स्वयं जमीन देने को तैयार हैं। लेकिन आतंकवादी बाबर की विचारधारा का इस देश से अंत होना चाहिए।