मुंबई: भारत के सीमित ओवरों के स्टार बल्लेबाज रोहित शर्मा का कहना है कि उनके उतार चढ़ाव वाले टेस्ट करियर के बारे में सोचने का कोई मतलब नहीं बनता क्योंकि उनका आधा करियर बीत चुका है. रोहित अब केवल अपने बाकी बचे करियर का पूरा लुत्फ उठाना चाहते हैं. उन्होंने टेस्ट मैचों में अपने कमतर रिकॉर्ड के बारे में कहा, ‘ एक खिलाड़ी के रूप में आपके पास सीमित समय होता है और मैंने इसमें से लगभग आधा समय बिता दिया है. बाकी बचे आधे समय को यह सोचकर बिताने का कोई मतलब नहीं है कि मुझे चुना जाएगा या नहीं.मैं इस सिद्वांत के साथ आगे बढ़ता हूं कि मेरे पास जो भी मौका है उसका पूरा फायदा उठाओ.
सीमित ओवरों में प्रभावशाली रिकार्ड रखने के बावजूद रोहित 25 टेस्ट मैचों में 39.97 की औसत से 1479 रन ही बना पाए.दक्षिण अफ्रीका में लचर प्रदर्शन के कारण उन्हें अफगानिस्तान के खिलाफ 14 जून से शुरू होने वाले एकमात्र टेस्ट के लिये टीम में नहीं चुना गया. लेकिन उन्हें कोई शिकायत नहीं है और उन्होंने कहा कि वह करियर के उस दौर में है जहां वह चयन को लेकर नहीं सोच सकते.
उन्होंने कहा, ‘ मैं उस दौर में नहीं हूं जहां मुझे इस पर चिंता करनी पड़े कि मुझे चुना जाएगा या नहीं.मुझे अपने खेल का लुत्फ उठाने की जरूरत है.मेरे करियर के पहले पांच छह साल ऐसे थे जब मैं यह सोचता था कि क्या मुझे चुना जाएगा.क्या मैं खेलूंगा.अब यह खेल का लुत्फ उठाने से जुड़ा है.
रोहित से पूछा गया कि वह अफगानिस्तान के खिलाफ टेस्ट टीम से बाहर किए जाने से हैरान हैं, उन्होंने कहा , ‘ नहीं.जैसा मैंने पहले कहा कि मैं केवल अपने खेल का लुत्फ उठा सकता हूं.किसी चीज को लेकर खेद जताने का समय नहीं है.पहले मेरे पास खेद जताने का पर्याप्त समय था.आगे हमें बड़े टूर्नामेंटों में खेलना है, बेहतर यही होगा कि हम उस पर ध्यान दें.