लखनऊ : नोटबंदी के दौरान बैंक के बाहर लगी कतार में जन्मे झींझक के सरदारपुर गांव कानपुर देहात के खजांची नाथ को दो आवासों की चाबी सौंपने पहुंचे पूर्व सीएम अखिलेश यादव को निराशा हाथ लगी। खंजाची के ननिहाल से न आने पर उसकी दादी से मिलकर ही उन्हें लौटना पड़ा। नोटबंदी के दौरान 2 दिसंबर 2016 को पैसा निकालने गई सर्वेशा देवी का प्रसव हो गया था। उनको बेटा पैदा हुआ जिसका नाम तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खजांची नाथ रखा था। दो साल बाद अखिलेश ने उसके जन्मदिन पर दो आवास भेंट किए। खजांची व अपनी मां के साथ पास में ही स्थित अपनी ननिहाल अनंतपुर धौकल में रहता है। गांव के अलावा उसे एक मकान ननिहाल अनंतपुर धौकल में भी दिया गया है।
पूर्व सीएम अखिलेश यादव रविवार को सरदारपुर पहुंचे लेकिन खजांची व उसकी मां वहां नहीं पहुंचे। इस पर उसकी दादी शशि देवी से मुलाकात की। यहां सभा को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार को इससे सबक लेना चाहिए। इस घर में उन्हें बिजली का बिल भी नहीं देना होगा। गरीबों का घर कैसा होगा उसकी मिसाल है खजांची का घर। इसी तर्ज पर सरकार को भी गरीबों को घर बनाकर दे। सपा सरकार आने पर गरीबों को इसी तरह की सुविधाओं से युक्त रेडीमेड आवास देंगें। अखिलेश ने खजांची को दिए आवास को अंदर और छत पर जाकर देखा।