पिछले एक सप्ताह से पूरी दुनिया में चीन के एक उद्योगपति की चर्चा हो रही है. वह उद्योगपति चीन की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी जियोनी (Gionee) के चेयरमैन और सीईओ लियू लिरोंग (Liu Lirong) हैं जो जुए की लत की चलते कथित तौर पर 10 अरब युआन (करीब 1 खरब रुपये) हार गए हैं. इसका नतीजा यह हुआ कि उनकी कंपनी दिवालियेपन के कगार पर खड़ी हो गई है. निक्केई एशियन रिव्यू में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन के एक कोर्ट ने जियोनी में उसके चेयरमैन और सीईओ लियू लिरोंग का 41.4 पर्सेंट स्टेक दो साल के लिए फ्रीज कर दिया है.
लिरोंग ने 2002 में जियोनी कंपनी की स्थापना की थी. जल्द ही उनकी कंपनी चीन के साथ-साथ दक्षिण एशियाई देशों के मेनस्ट्रीम ब्रांड में शामिल हो गई. कंपनी ने 2016 तक 4 करोड़ हैंडसेट बेचें. जियोनी ने कम कीमत के हैंडसेट उतारे और बड़े-बड़े सितारों से विज्ञापन करवाया. हालांकि, 2017 आते-आते ओप्पो, वीवो जैसे कई और मार्केट प्लेयर बाजार में आ गए जिससे जियोनी के हैंडसेट की बिक्री में गिरावट दर्ज की. फिर भी कंपनी ने नवंबर 2017 में आठ फुल स्क्रीन के एंड्राइड स्मार्टफोन लॉन्च किए. इस ईवेंट में खुद लिरोंग मौजूद थे. तब उन्होंने दावा किया था कि जियोनी दुनिया की पहली ऐसी स्मार्टफोन सप्लायर कंपनी है जिसके नए हैंडसेट 18:9 एस्पेक्ट रेशियो डिस्प्ले वाले हैं.
साइपैन के एक कसीनो में एक दांव में लिरोंग इतनी बड़ी रकम हार गए. चीन की स्थानीय मीडिया के मुताबिक, लिरोंग ने इतना तो स्वीकार किया है कि वह कंपनी की पूंजी जुए में हारे हैं लेकिन इतनी नहीं जितनी कि मीडिया दावा कर रही है. लिरोंग ने कहा है कि वह 1008 करोड़ रुपए (14.4 करोड़ डॉलर) की रकम हारे थे. लिरोंग ने यह भी दावा किया कि उन्होंने जुए के लिए जियोनी के कैश का गलत इस्तेमाल नहीं किया लेकिन यह कहा कि उन्होंने कंपनी से फंड जरूर उधार लिया है.
लिरोंग ने एक साक्षात्कार में इस बात से भी इनकार किया है कि जियोनी की आर्थिक हालत उनकी जुए की लत से कारण बिगड़ी है. उनका कहना है कि कंपनी को 2013 से 2015 के बीच जबर्दस्त घाटा हुआ. इसी साल अप्रैल में, कंपनी ने अपने आधे से ज्यादा कर्मियों की छंटनी कर दी थी. जियोनी की चीन के बाजार में 6 फीसदी हिस्सेदारी थी.
भारत में 2013 में आई थी कंपनी
जियोनी इंडिया ने 2013 में अपने कारोबार की शुरुआत विराट कोहली, आलिया भट्ट और श्रुति हासन सरीखे ब्रांड एंबेसडर्स का सहारा लेकर की थी. सेल्फी फोटोग्राफी को अपने स्मार्टफोन की खासियत के रूप में प्रचारित किया था. 2016 में लिरोंग ने भारत का दौरा किया और हरियाणा सरकार के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर करके मोबाइल फोन हब स्थापित करने का वादा किया. 28000 लोगों को नौकरी देने की बात की. लेकिन योजना परवान न चढ़ सकी.