नई दिल्ली: महेन्द्र सिंह धोनी वर्ल्ड क्रिकेट का वो नाम है जिसने अपनी कप्तानी और दमदार प्रदर्शन की बदौलत भारतीय क्रिकेट टीम को नए मुकाम तक पहुंचाया. जब जब धोनी का बल्ला बोला है तब तब उनकी टीम को जीत हासिल हुई. ऐसा बहुत कम देखने को मिला है कि धोनी ने शानदार प्रदर्शन किया हो और टीम को हार का सामना करना पड़ा हो. इंटरनेशनल मैच के साथ ही इंडियन प्रीमियर लीग में भी ऐसा देखने को मिला है.
धोनी की कप्तानी वाली टीम चेन्नई सुपर किंग्स ने आईपीएल 2018 का खिताब जीत लिया. चेन्नई ने तीसरी बार खिताबी मुकाबला जीता. चेन्नई की जीत में धोनी की रणनीति का सबसे अहम योगदान रहा. उनकी कप्तानी को महान कहने बिलकुल भी गलत नहीं होगा.
आईपीएल 2018 का फाइनल चेन्नई और हैदराबाद के बीच खेला गया, जिसमें चेन्नई ने 8 विकेट से जीत हासिल की. रविवार को वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए मैच में चेन्नई के खिलाड़ी शेन वॉटसन ने शतक जड़ा और टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई. वहीं दूसरी ओर कैप्टन कूल हर मुकाबले के लिए नई रणनीति के साथ तैयार रहे. उन्होंने आईपीएल के इस सीजन में हैदराबाद को चार बार हराया. इसके अलावा धोनी ने आईपीएल 2018 में कुल 16 मैच खेलते हुए 455 रन बनाए. इस दौरान उन्होंने तीन अर्धशतक जड़े. चेन्नई ने इस सीजन में कई मुश्किल मैच जीते. इसे धोनी की रणनीति का कमाल ही कहेंगे.
धोनी की सबसे खास बात यह है कि वो टीम को जीत दिलाने के बाद खुद पीछे हो जाते हैं. यह नजारा आईपीएल 2018 के फाइनल मैच के बाद भी दिखा. जब फाइनल जीतने के बाद चेन्नई के सभी खिलाड़ी जश्न में मशगूल थे तब धोनी अपनी नन्हीं बिटिया जीवा के साथ मस्ती करते नजर आए. वो अपनी टीम के खिलाड़ियों को हमेशा जीत के बाद आगे कर देते हैं. यह उनके हृदय की विशालता को दर्शाता है.
बता दें कि आईपीएल 2018 के फाइनल में हैदराबाद ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 6 विकेट खोकर 178 रन बनाए. इस दौरान केन विलियमसन ने 47 रन और यूसुफ पठान ने 45 रन बनाए. इसके जवाब में चेन्नई ने 18.3 ओवर में 2 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया. टीम की ओर से शेन वॉटसन ने खतरनाक बल्लेबाजी की. उन्होंने 57 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 117 रन बनाए. इस दौरान उन्होंने 11 चौके और 8 छक्के भी जड़े.