अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर होने वाली बैठक से पहले व्हाइट हाउस ने चीन के साथ किसी भी व्यापार सौदे के लिए मंगलवार को चार शर्तें निर्धारित कीं. ट्रंप के मुख्य आर्थिक सलाहकार लैरी कुडलो ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं उस बात का जिक्र करना चाहता हूं, जो राष्ट्रपति ने कुछ ही देर पहले हमें बताई. उनका विचार है कि समझौता होने की अच्छी संभावना है और वह उसके लिए तैयार हैं.’’
कुडलो ने कहा, ‘‘निष्पक्षता और परस्परता की बात हम कई बार कर चुके हैं, जिसके लिये कुछ शर्तों को पूरा किया जाना चाहिए. उदाहरण के तौर पर बौद्धिक संपदा की चोरी का मुद्दा हल किया जाना चाहिए, जबरन तकनीक हस्तांतरण को हल किया जाना चाहिए, महत्वपूर्ण प्रशुल्क तथा गैर प्रशुल्क अवरोधों को दूर किया जाना चाहिए, मालिकाना हक के मुद्दे का समाधान किया जाना चाहिए.’’
इस घोषणा से पहले कुडलो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने ट्रंप से मुलाकात करके जी-20 शिखर सम्मेलन के विभिन्न पहलुओं से चर्चा की. उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति अपना वही रुख दोहरा सकते हैं कि वह ऐसा विश्व चाहते हैं जहां कोई प्रशुल्क नहीं हो, गैर प्रशुल्क अवरोध हटे, और कोई सब्सिडी नहीं हो. अब क्या वह यह सब कर सकते हैं यह तो बाद में पता चलेगा, लेकिन यह राष्ट्रपति का विचार है जैसा कि मैंने आपको पहले बताया है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी अर्थव्यवस्था बेहद मजबूत है पिछले साल यह तीन प्रतिशत बढ़ी है. दूसरी तिमाही में यह 4.2 रही, तीसरी तिमाही में 3.5 रही और यह आगे बढेगी. हमारी स्थिति अच्छी है, जबकि चीन की अर्थव्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है.’’ हालांकि, उन्हें चेतावनी दी कि अगर ट्रंप प्रशासन द्वारा तैयार शर्तें नहीं मानी गईं तो ट्रंप स्पष्ट कर चुके हैं कि वह अपनी शुल्क नीति पर कायम रहेंगे. दरअसल अमेरिका ने 200 अरब डॉलर के चीनी सामान पर आयात शुल्क मौजूदा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने का संकेत दिया है.