राज्यपाल ने NBRI में प्रदूषण पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया
लखनऊ। प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि पर्यावरण परितवर्तन से किसानों की समस्याओं में बढ़ोत्तरी हुई है जिसके कारण खेती-किसानी भी प्रभावित हो रही है। इससे प्रदूषण भी तेजी से फैल रहा है। इसलिए हमें पर्यावरण को ठीक रखने के लिए विशेष प्रयास करना होगा और प्रकृति से छेड़छाड़ रोकना होगा और जंगल की कटान हर हालत में रोकनी होगी। राज्यपाल केन्द्रीय औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान में इण्टरनेशनल सोसायटी ऑफ इन्वायरमेन्टल बॉटनिस्ट्स द्वारा पौधों व पर्यावरण पर आयोजित छठे अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद वैज्ञानिकों के सम्मेलन में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने 21 देशों के प्रतिनिधियों सहित राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिकों के बीच संस्थान के जर्नल व न्यूजलेटर का भी लोकार्पण किया।
राज्यपाल ने कहा कि प्रकृति से होने वाली छेडछाड़, जंगलों के कटान और अनियंत्रित औद्योगिकरण के कारण पूरी मानवता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। राज्यपाल ने बढ़ते हुये प्रदूषण पर चिंता व्यक्त की। उन्होंनेे यूनिवर्सिटी ऑफ शैफील्ड के एक अध्ययन का हवाला देते हुये कहा कि ऐसा पाया गया है कि पौधों की पत्तियाँ खतरनाक कैमिकल का निर्माण करती हैं तथा इन पत्तियों को खाने वाले कीटों का विकास उचित ढंग से नहीं हो पाता। उन्होंने कहा कि यह प्रशंसा की बात है कि भारत के साथ 21 देशों से आये प्रतिभागीगण आज लखनऊ के राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान में प्रदूषण और पर्यावरण पर गहन चिंतन करके पूरी मानवता के लिये उसका समाधान निकालने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि संगोष्ठी में होने वाले विचार-विमर्श का लाभ उठाकर वैज्ञानिक पर्यावरणीय समस्याओं को कम करने के लिये समुचित तकनीकों को भलीभांति विकसित कर सकेंगे। राज्यपाल ने वनों के संरक्षण और पौधा रोपण के महत्व को बताते हुये कहा कि पौधे आक्सीजन प्रदान करके पर्यावरण की सफाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
राज्यपाल ने इस अवसर पर आई0एस0ई0बी0 फैलोज के लिये डा0 देवाशीष चक्राबर्ती, प्रो0 कुसुम अरूणांचलम, डॉ0 राजेश बाजपेई, डॉ0 संजय द्विवेदी, डॉ0 सीमा मिश्रा, प्रो0 सूर्यकांत, प्रो0 एरविन ग्रिल, प्रो0 लिना क्यू0 मा, प्रो0 उमाशंकर को सम्मानित किया तथा ‘यंग साइंटिस्ट अवार्ड’ से डा0 अमित कुमार को सम्मानित किया। राज्यपाल ने विदेश से आये हुये मेहमान वैज्ञानिकों को उत्तर प्रदेश और लखनऊ की विशेषता बताते हुये यहाँ की ऐतिहासिक इमारतों और खान-पान की भी चर्चा की। कार्यक्रम में राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के निदेशक प्रो0 एस0के0 बारिक ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा डा0 के0जे0 अहमद द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम में जर्मनी से आये वैज्ञानिक प्रो0 एलबर्ट रिफ ने भी अपने विचार रखे।