मध्प्रदेश :चुनाव के सबसे अमीर उम्मीदवार, हेलीकॉप्टर और महंगी कारों के हैं शौकीन

मध्यप्रदेश में ‘अबकी बार 200 (सीट) पार’ का नारा देने वाली बीजेपी का लक्ष्य भले ही भविष्य के गर्भ में छिपा हो, लेकिन इस पार्टी के के एक अकेले उम्मीदवार की संपत्ति ने यह आंकड़ा पार कर लिया है. कटनी जिले की विजयराघवगढ़ सीट से मौजूदा विधायक और शिवराज कैबिनेट में मंत्री संजय सत्येंद पाठक की कुल संपत्ति 141 करोड़ से बढ़कर अब 226 करोड़ से अधिक हो चुकी है. एमपी के सबसे अमीर प्रत्याशी संजय की प्रॉपर्टी में कई बड़े होटल, एजुकेशन इंस्टीट्यूट, महंगे रिजॉर्ट समेत हेलीकॉप्टर शामिल हैं.

अरबपति उम्मीदवार संजय पाठक अपने छात्र जीवन से ही कांग्रेस से जुड़े थे. 2013 में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था. इसके बाद उन्हें शिवराज सरकार में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, उच्च शिक्षा, सामाजिक न्याय और नि:शक्तजन कल्याण जैसे मंत्रालयों का राज्यमंत्री बनाया गया. 2013 के विधानसभा चुनाव में संजय पाठक ने अपनी संपत्ति 121.32 करोड़ रुपए बताई थी. इसके बाद 2014 के उपचुनाव में उन्होंने 141 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति का चुनाव आयोग में हलफनामा दाखिल किया था. अब 2018 के चुनाव में संजय पाठक ने अपनी संपत्ति 2,26,17,06,691 रुपए बताई है.

होटल चेन और रिजॉर्ट
मध्यप्रदेश के कान्हा, पेंच नेशनल पार्क समेत दूसरे पर्यटन स्थलों पर इस दिग्गज नेता और कारोबारी की हेरिटेज होटल्स और रिजॉर्ट की चेन है. इसके अलावा संजय पाठक का परिवार सायना नाम से एजुकेशन इंस्टीट्यूट भी चलाता है.

विदेशों में फैला कारोबार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संजय पाठक का कारोबार भारत के अलावा विदेश में भी फैला हुआ है. उनकी इंडोनेशिया में कोयले की खदानें भी हैं. साथ ही इन्होंने आयरन, बॉक्साइट जैसे कारोबार में भी इन्वेस्टमेंट कर रखा है.

हेलीकॉप्टर की सवारी
दो अरब रुपए से ज्यादा के आसामी बीजेपी उम्मीदवार संजय पाठक के पास हेलीकॉप्टर भी है. वे अपने उड़नखटोले को किराए का बताते हैं. उत्तराखंड में आई आपदा में फंसे अपने इलाके के लोगों को निकालने के लिए उनके हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया था. भीषण त्रासदी से सैकड़ों लोगों को सकुशल निकालने में मदद के लिए संजय पाठक को उत्तराखंड राज्यपाल ने सम्मानित किया था.  

विरासत में मिली प्रॉपर्टी
अपनी दौलत को लेकर संजय पाठक कहते हैं, ”यह मुझे दादा-परदादा से विरासत में मिली है. 1924 से हमारा परिवार माइनिंग के बिजनेस में रहा है. गुजरे जमाने की जमीनें मौजूदा वक्त में काफी महंगी हो गई हैं इसलिए हर बार उसका भाव बढ़कर आ जाता है.”

कारोबार से बनाई दूरी
अपने बिजनेस और राजनीति में तालमेल बिठाने पर पाठक ने बताया, ‘मैं अपने सभी बिजनेस से खुद को अगल कर चुका हूं. अब मैं पूरी तरह जनता की सेवा मे समर्पित हूं. हालांकि, खेती की जमीन के चलते अब मैं किसान जरूर बना हुआ हूं.’

ब्लॉग लिखने के शौकीन
संजय पाठक ब्लॉग लिखने और किताबें पढ़ने के शौकीन हैं. वे अपनी लंबी यात्राओं के दौरान पढ़ाई-लिखाई के जुड़ा यह काम कर लेते हैं. अपने घर और क्षेत्र में राजनीतिक कार्य में बिजी रहने के कारण वह लगातार अपना यह शौक पूरा नहीं कर पाते.

दो बार जीत चुके
विजयराघवगढ़ विधानसभा सीट से 2008 और 2013 में कांग्रेस की टिकट पर संजय पाठक ने जीत हासिल की, लेकिन 2014 में संजय पाठक ने बीजेपी ज्वॉइन कर ली, इसके बाद उपचुनाव में उन्हें फिर से जीत हासिल हुई. अभी वह शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री हैं. 2014 के उपचुनाव में संजय पाठक ने कांग्रेस प्रत्याशी विजय प्रकाश मिश्र राजा भैया को 53 हजार 397 मतों से हराया था. 2013 में कांग्रेस प्रत्याशी रहते संजय पाठक ने बीजेपी उम्मीदवार पद्मा शुक्ला को 992 मतों से शिकस्त दी थी. अब 2018 के चुनाव संजय पाठक ने 1 लाख 25 हजार से जीत का लक्ष्य रखा है.

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