नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकियों का खूनी खेल जारी है। शनिवार सुबह जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने जम्मू क्षेत्र में सेना के एक कैंप को निशाना बनाया। इस हमले में दो जवान शहीद हो गए हैं। आतंकियों ने यह हमला सुंजवां आर्मी कैंप पर किया। आतंकियों ने तड़के 4:55 बजे अंधेरे का फायदा उठाते हुए सेना के कैंप पर फायरिंग शुरू की थी। आतंकियों ने अपने नापाक इरादों को अंजाम देने के लिए यह हमला कैंप के फैमिली क्वॉर्टर्स पर किया।
सेना कैंप पर आतंकी हमले की जानकारी मिलते ही पूरे इलाके में अलर्ट जारी कर दिया गया। बताया जा रहा है कि कैंप के अंदर से गोलियां चलने की आवाजें सुनाई दी गईं, बाद पूरे इलाके की घेराबंदी की गई।
घुसपैठ कराने के लिए सीजफायर उल्लंघन
गौरतलब है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी जम्मू-कश्मीर के माहौल में किसी भी तरह की शांति की कोशिश को हमेशा नाकाम करने की कोशिशों में लगे रहते हैं। इस राज्य में लगातार अशांति का माहौल बने रहने से देशभर में गुस्सा फैला हुआ है। पिछले काफी वक्त से पाकिस्तानी सेना की तरफ से लगातार सीजफायर का उल्लंघन होता रहा है। इस तरह के सीजफायर उल्लंघन के पीछे पाकिस्तान का मकसद जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराना होता है। शनिवार को हुए हमले से यह तो स्पष्ट है कि हमारा पड़ोसी देश अपने नापाक इरादों में कुछ हद तक सफल भी रहा है।
अपने साथी को छुड़ा ले गए आतंकवादी
पिछले हफ्ते यानि रविवार 4 फरवरी को पाकिस्तान की तरफ से किए गए सीजफायर उल्लंघन में कैप्टन कपिल कुंडू सहित सेना के 4 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद मंगलवार को आतंकियों ने अपने एक साथी को छुड़ाने के लिए एक अस्पताल पर हमला किया था, जिसमें पुलिस का एक जवान शहीद हुआ और आतंकवादी अपने साथी को छुड़ाने में भी सफल हो गए।
जिस आतंकी को उसके साथी मंगलवार को छुड़ाकर ले गए थे, उसे पुलिस ने 2015 में गिरफ्तार किया था। नावेद उर्फ अबु हंजुला लश्कर का खूंखार आतंकवादी है। भारत पिछले काफी वक्त से आतंकवाद के रूप में पाकिस्तान के छद्म युद्ध का सामना कर रहा है। हालांकि समय-समय पर भारत आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब भी देता रहा है। दशकों से आतंक की मार झेल रहे जम्मू-कश्मीर में आत्मघाती हमलों की फेहरिस्त और इतिहास दोनों ही काफी लंबा है।
चलिए जानते हैं, जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने सेना और सीआरपीएफ पर कब-कब बड़े हमले किए।
– साल 2017 आतंकियों ने अमरनाथ श्रद्धालुओं को लेकर जा रही एक बस पर दक्षिणी कश्मीर के श्रीनगर जम्मू नेशनल हाइवे पर धावा बोला। 56 श्रद्धालुओं को लेकर जा रही इस बस पर हुए आतंकी हमले में पांच महिलाओं सहित सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 15 घायल हुए थे।
– साल 2016 में कश्मीर के उड़ी में सेना के कैंप पर हमला हुआ था, जिसमें 18 जवान शहीद हुए थे और 4 आतंकियों को ढेर कर दिया गया था। इसी हमले के बाद भारतीय सेना ने एलओसी में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था।
– साल 2015 में आतंकियों ने कठुआ जिले के एक पुलिस थाने पर हमला किया था, जिसमें सात लोगों की जान चली गई थी और 12 लोग घायल हो गए थे।
– साल 2014 में बारामुला में उड़ी सेक्टर के मोहरा में सेना के 31 फील्ड रेजिमेंट पर हमला हुआ, जिसमें एक ले. कर्नल और 7 जवान शहीद हुए। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर का एक एएसआई और 2 कांस्टेबल भी शहीद हुए।
– साल 2010 में लश्कर आतंकियों ने लाल चौक पर सीआरपीएफ कैंप पर फिदायीन हमला किया। दोनों आतंकियों को मार गिराया। एक नागरिक और पुलिसकर्मी शहीद हो गया था जबकि 12 जख्मी हो गए थे।
– साल 2009 में पुंछ के मंडी सेक्टर में सेना के कैंप पर आत्मघाती हमले में तीन आतंकी ढेर।
– साल 2008 में जम्मू के बाहरी इलाके काना चक सेक्टर में तीन फिदायीन आतंकियों ने हमला किया। सेना के तीन जवान शहीद हुए। पांच नागरिकों की भी घटना में मौत हुई थी।
– साल 2007 में बारामूला की शीरी में लश्कर फिदायीन ने सेना कॉन्वॉय पर हमला किया। दोनों आतंकी ढेर। सेना के छह जवान शहीद। 15 जख्मी।
– साल 2006 में दशनमी अखाड़ा इमारत में हुए आतंकी हमले में एक की मौत हुई, जबकि तीन अन्य जख्मी हो गए थे।
– साल 2005 में श्रीनगर की रेजीडेंसी रोड स्थित जेएंडके बैंक हेड क्वार्टर के सामने कार बम हमले में चार नागरिक मारे गए, जबकि विधायक व पूर्व मंत्री उस्मान मजीद सहित 72 लोग जख्मी हो गए थे।
– साल 2004 काजीगुंड के पास लोअर मुंडा क्षेत्र में आईईडी विस्फोट में 19 बीएसएफ जवान शहीद हो गए थे। इस आतंकी हमले में 6 महिलाओं और पांच बच्चों की भी मौत हुई थी।
– साल 2003 में आतंकियों ने जम्मू के सुजआं इलाके में सेना की डोगरा रेजिमेंट पर हमला कर दिया था। इस हमले में 12 जवान शहीद हुए थे और दो आतंकी मारे गए थे।
– साल 2002 में कालू चक के सैन्य क्षेत्र में आतंकियों ने बड़ा हमला कर दिया था जिसमें 36 जवान शहीद हुए थे और 48 जख्मी हुए थे।
– साल 2001 में श्रीनगर में स्थित विधानसभा पर आतंकियों ने हमला किया था, जिसमें 11 जवान शहीद हो गए थे जबकि 24 आम नागरिकों की मौत हो गई थी। हमला करने आए आतंकियों को सेना ने ढेर कर दिया था।