अमेरिका ने 2008 के मुंबई हमले में शामिल किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी या उसकी दोष सिद्धि के लिए सूचना देने वालों को 50 लाख डॉलर का इनाम देने की सोमवार को घोषणा की. डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने मुंबई हमले की 10वीं बरसी पर इस बड़े पुरस्कार (35 करोड़ रुपये से अधिक) की घोषणा की. इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा के 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने भारत की वित्तीय राजधानी पर हमला किया था जिसमें छह अमेरिकियों समेत 166 लोग मारे गए थे.
यह कदम उपराष्ट्रपति माइक पेंस के सिंगापुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक करने के एक पखवाड़े से भी कम समय में उठाया गया है. उस दौरान ऐसा समझा जाता है कि इस मुद्दे को उठाया गया था कि मुंबई हमले के 10 साल बीत जाने के बावजूद हमले में शामिल अपराधियों को न्याय के दायरे में नहीं लाया गया है.
विदेश मंत्रालय के रिवार्ड्स फॉर जस्टिस प्रोग्राम ने कहा कि वह मुंबई हमले को जिसने भी अंजाम दिया, उसकी साजिश रची, उसे अंजाम देने में सहायता की या उसे उकसाया उसकी गिरफ्तारी या किसी देश में दोषसिद्धि के लिये सूचना देने वालों को 50 लाख डॉलर तक का इनाम देने की घोषणा करता है.
उसने कहा, ‘‘अमेरिका 2008 के मुंबई हमले के लिए जो भी जिम्मेदार है उसकी पहचान करने और उसे न्याय के दायरे में लाने के लिये अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है.’’ यह घोषणा मुंबई हमले में शामिल लोगों के बारे में सूचना मांगने के लिए इस तरह का तीसरा इनाम है. अप्रैल 2012 में विदेश मंत्रालय ने लश्कर-ए-तयैबा के संस्थापक हाफिज सईद और लश्कर के एक अन्य वरिष्ठ नेता हाफिज अब्दुल रहमान मक्की को न्याय के दायरे में लाने के लिए सूचना देने वालों को इनाम देने की घोषणा की थी.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि दिसंबर 2001 में विदेश मंत्रालय ने लश्कर-ए-तैयबा को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था. यह घोषणा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और आतंकवादी गतिविधियों के लिए समर्थन में कमी लाने और समूहों पर आतंकवाद के कारोबार से अलग होने के लिए दबाव डालने का कारगर साधन है.