एस.एम.एस. में सम्पन्न हुई दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी
लखनऊ : स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज, लखनऊ में आयोजित ‘सोर्सेज़ ऑफ प्लैनेट एनर्जी, एनवायर्रमेंटल एण्ड डिजास्टर साईंस: क्लाइमेट डिस्टरबेंस एण्ड इट्स ग्लोबल इम्पैक्ट (स्पीड्स-2018)’ विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन 25 नवम्बर, 2018 को कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, सुल्तानपुर के निदेशक प्रो0 जे0पी0 पाण्डेय द्वारा किया गया। अपने सम्बोधन में श्री पाण्डेय ने जल संचयन एवं इसके उपयोग की महत्ता से अवगत कराते हुए उपस्थित प्रतिभागियों एवं वैज्ञानिकों से जल संरक्षण को एक अभियान के रूप में अपनाने का अनुरोध किया गया जिससे आगे आने वाली पीढ़ियों को इसकी समस्या से जूझना न पड़े।
कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि तथा प्रसिद्ध पर्यावरणविद् एवं जलपुरूष राजेन्द्र सिंह ने द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया। अपने सम्बोधन में राजेन्द्र सिंह ने जल संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए यह अवगत कराया गया कि यदि पूरे विश्व में जल संरक्षण पर समुचित ध्यान नहीं दिया गया तो भविष्य में विश्वयुद्ध का यह कारण बन सकता है। श्री सिंह ने बताया कि जल से ऊर्जा उत्पादित करने की पर्याप्त सम्भावनायें हैं। यदि हम इस ऊर्जा को हाइड्रो इंजीनियरिंग जैसी विधा से परिवर्तित कर सके तो ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो सकते हैं। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि जल ही जीवन का आधार है और यदि हम अपने आधार को नष्ट करने में सहभागी होंगे तो हमारा जीवन भविष्य में संकटग्रस्त होगा।
संगोष्ठी के गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ0 डी0पी0 सिंह, हेड ऑफ डिपार्टमेंट-इनवायरमेंटल र्साइंस, बी0बी0ए0यू0, चीफ पैट्रन ई0 वी0बी0 सिंह, द इंस्ट्टियूट ऑफ इंजीनियर्स तथा डॉ0 सी0एम0 नौटियाल, सीनियर साईटिस्ट ने अपने अलग-अलग व्याख्यानों में पूरे विश्व के औसत तापमान में लगातार वृद्धि एवं ग्रीन हाउस प्रभाव के बारे में बताया साथ ही बढ़ते हुए तापमान के दुष्परिणामों के बारे में अवगत कराया। संगोष्ठी में देष के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों से आये हुये वैज्ञानिकों तथा शोध छात्रों ने अपनी प्रस्तुतियों में पर्यावरण संरक्षण की विभिन्न चुनौतियों एवं समाधानों को रेखांकित किया गया। कार्यशाला में लगभग 200 शोधकर्ता व विद्वानों ने भाग लिया तथा लगभग 100 शोधपत्र प्रस्तुत किये गये। सचिव एवं मुख्यकार्यकारी अधिकारी, एस0एम0एस0 श्री शरद सिंह ने विभिन्न प्रान्तों से आये हुए विद्वत्जनों से धरती के पर्यावरण की सुरक्षा में अपना योगदान सुनिष्चित करने का अनुरोध किया। कार्यशाला में संस्थान के निदेशक प्रो0 (डॉ0) मनोज मेहरोत्रा, डॉ0 भरत राज सिंह, डायरेक्टर जनरल (तकनीकी), एस0एम0एस0 लखनऊ एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।