हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने एक बार फिर दोहराया कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण भारतीय अस्मिता से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार को इसके लिए कानून बनाना चाहिए। गुरुकुल पद्धति के शिक्षा केंद्र पतंजलि गुरुकुलम को लेकर उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य चरित्र निर्माण होना चाहिए और पतंजलि गुरुकुलम इसी दिशा में कार्य कर रहा है।
पतंजलि योगपीठ द्वारा संचालित पतंजलि गुरुकुलम के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि मनुष्य जन्म सर्वश्रेष्ठ है। वर्तमान में मनुष्य को मनुष्य बनाने वाला ज्ञान अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आत्मीयता का दायरा विश्वव्यापी बनाना मनुष्य का ध्येय होना चाहिए। हम विद्या संपन्न बने, लेकिन आत्मा संपन्न भी उन्होंने गुरुकुल के प्रति आशा और विश्वास जताते कहा कि इस प्रकार की शिक्षा पद्धति को प्रतिस्थापित करने का उत्कृष्ट और यशस्वी प्रयोग सर्वत्र होनी चाहिए।
इसके कारण भारत की वर्तमान शिक्षा पद्धति भी प्रभावित होगी संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि किसी को यह कहने पूछने की जरूरत नहीं है कि अयोध्या में क्या बनना चाहिए। संघ पहले से ही राम मंदिर निर्माण के लिए संकल्पबद्ध है और आगे भी रहेगा। बात रही मंदिर निर्माण की तो संघ की तरफ से जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है। वही संत समाज मंदिर निर्माण को लेकर जन समर्थन और रणनीति बना रहा है। इसमें जो भी संत समाज निर्णय करेगा। संघ उसका समर्थन करेगा और साथ खड़ा है। हां, यह बात जरूर है कि सरकार मंदिर निर्माण को कानून बना कर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करें।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को पतंजलि गुरुकुलम का उद्घाटन किया। शुक्रवार को मोहन भागवत पतंजलि योगपीठ पहुंचे। योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया। पतंजलि योगपीठ की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत शुक्रवार को पतंजलि फूड और हर्बल पार्क पदार्था पहुंचे। वहां भ्रमण कर पतंजलि की ओर से स्वदेशी आंदोलन में किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि पतंजलि गुरुकुलम की स्थापना का उद्देश्य भारत को मैकाले की दोषपूर्ण शिक्षा पद्धति से मुक्त कर वैदिक एवं ऋषि ज्ञान परंपरा की प्रतिष्ठा बढ़ाना है। पतंजलि गुरुकुलम में अध्ययनरत विद्यार्थियों को तपोमय वातावरण में रखकर उन्हें अष्टाध्यायी, महाभाष्य, गीता, उपनिषद, वेद वेदांग आदि आर्य ज्ञान परंपरा में पारंगत करना है। योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण विश्व में योग व भारतीय वैदिक संस्कृति को प्रतिष्ठा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। शनिवार को प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को पतंजलि गुरुकुलम का उद्घाटन किया।