नई दिल्ली : प्रख्यात साहित्यकार एवं पत्रकार हिमांशु जोशी का 83 साल की उम्र में निधन हो गया। हिमांशु जोशी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। जोशी का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के जोस्यूडा में 4 मई, 1935 में हुआ था। उनके परिवार में पत्नी और तीन पुत्र हैं। वर्षों से लेखन में सक्रिय हिंदी के अग्रणी कथाकार हिमांशु जोशी कोलकाता से प्रकाशित प्रसिद्ध साहित्यिक पत्रिका ‘वागर्थ’ के संपादक भी रहे। जोशी के ‘अरण्य’, ‘महासागर’, ‘छाया मत छूना मन’, ‘कगार की आग’, ‘समय साक्षी है’, ‘तुम्हारे लिए’, जैसे प्रमुख उपन्यास अब तक प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अलावा कई कहानी संग्रह, कविता संग्रह, यात्रा वृत्तांत और वैचारिक संस्मरण भी प्रकाशित हो चुके हैं।
पुरस्कार व सम्मान ‘छाया मत छूना मन’, ‘मनुष्य चिह्न’, ‘श्रेष्ठ आंचलिक कहानियां’ तथा ‘गंधर्व-गाथा’ को उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान से पुरस्कार मिल चुका है। ‘हिमांशु जोशी की कहानियां’ तथा ‘भारत रत्न: पं. गोबिन्द बल्लभ पन्त’ को हिन्दी अकादमी, दिल्ली का सम्मान मिला है। ‘तीन तारे’ राजभाषा विभाग, बिहार द्वारा पुरस्कृत है। वह पत्रकारिता के लिए केन्द्रीय हिन्दी संस्थान द्वारा ‘स्व. गणेश शंकर विद्यार्थी’ पुरस्कार से भी सम्मानित किए गए।