-सीएम योगी ने 686 गन्ना पर्यवेक्षकों को बांटा नियुक्ति पत्र
वेरिफिकेशन के बाद बाकी 165 पर्यवेक्षकों मिलेगा नियुक्ति पत्र
लखनऊ : राजधानी स्थित गन्ना किसान संस्थान में गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवनियुक्त गन्ना पर्यवेक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटा। उन्होंने घटतौली व पर्ची मिलने में देरी से होने वाले शोषण से किसानों को निजात दिलाने के लिए पर्यवेक्षकों से आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आप लोग किसानों को शोषण से मुक्ति दिलाने का काम करिएगा। मुख्यमंत्री योगी ने डालीबाग स्थित लाल बहादुर शास्त्री गन्ना संस्थान के सभागार में नियुक्त पर्यवेक्षकों को बधाई व शुभाकामनाएं देते हुए कहा कि किसी भी नौजवान के लिए स्वर्णिम क्षण होता है, जब वह अपने पैरों पर खड़ा होता है। नौकरी को औपचारिकता न बनाएं। अपने दायित्वों का निर्वहन करके विशिष्ट छवि बनाएं, ताकि सम्मान मिले।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने 686 गन्ना पर्यवेक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किया। वहीं, शेष 165 पर्यवेक्षकों को नियुक्ति पत्र उनका वेरिफिकेशन हो जाने के बाद दिया जाएगा। कुल 851 गन्ना पर्यवेक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित होना था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के गन्ना विभाग की अलग पहचान रही है। अपने प्रदेश में दुनिया की सबसे उर्वरा भूमि पायी जाती है। सिंचाई के पर्याप्त संसाधन हैं। लेकिन बीच में एकाएक चीनी मीलें बन्द हो गयीं। इस सरकार में बन्द मीलों को चालू करने का काम शुरु हो गया है। उन्होंने कहा कि गन्ना की खेती उप्र से मॉरीशस, फीजी सहित दुनिया के तमाम क्षेत्रों में गयी। गन्ना की खेती ने टापुओं को आबाद किया।
योगी ने कहा कि गन्ना से चीनी तो बनाएंगे ही, साथ ही एथनॉल भी बनाएंगे। अगले वर्ष से काम शुरु हो जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताया कि 25 नवम्बर तक 119 चीनी मीलें चालू हो जाएंगी। पीपराईच व मुंडेरवा की बंद पड़ी मीलें भी चालू होंगी। सुरेश राणा ने कहा कि गन्ना की चर्चा होती है तो उप्र का नाम आता है। बीते डेढ़ वर्षों के भीतर गन्ना विभाग ने ऐतिहासिक आयाम स्थापित किए हैं। 38 प्रतिशत गन्ने का उत्पाद करके उप्र ने रिकार्ड बनाया है। उन्होंने बताया कि नियुक्ति पर्यवेक्षकों में 50 बैचलर आॅफ टेक्नोलॉजी (बीटेक) से हैं। वहीं, 78 महिलाओं की नियुक्ति हुई है। उन्होंने कहा कि 111 करोड़ कुंतल गन्ना पेराई से रिकार्ड बना है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 34 लाख पंजीकृत किसान हैं, जिससे 2.5 करोड़ किसान जुड़े हैं।