ये तो आप जानते ही हैं, ब्रेन हेमरेज एक बहुत ही गंभीर बीमारी है इस बीमारी में दिमाग में किसी प्रकार का रक्तस्त्राव होता है. दिमाग में चोट लगने, गिरने या किसी से टकराने के कारण हो सकती है. इसमें व्यक्त को तेज सिरदर्द, चक्कर आना, देखने में परेशानी होना और बोलने या समझने में तकलीफ होने लगती है. आइये बता देते हैं इसके लक्षण
बीमारी के प्रमुख लक्षण
दिमाग में अत्यधिक रक्तस्राव से रोगी की याददाश्त चली जाती है और उसे सांस लेने में परेशनी होने लगती है. इसके साथ ही इस बीमारी में आंखों की पलकें फैलने लगती हैं. इसके अलावा व्यक्ति के नाक व मुंह से रक्त निकलने लगता है और कई बार मुंह में खून भर जा
ता है. ऐसी बातों को नज़र अंदाज़ ना करें.
इससे बचने के लिए उपाय
आपको बता दें, इस प्रकार की समस्या से ग्रसित रोगी को सीधा लिटाकर उसके सिर पर आइस बैग या ठंडे पानी की पट्टी रखें. किसी भी तरह की दिमागी चोट लगने पर यदि रोगी को चक्कर, सिरदर्द, उल्टी आने व धड़कनें तेज होने पर उसे लिटाकर सिर ऊंचा रखें. इस बात का विशेष ध्यान रहे कि कमरे में बिल्कुल भी हवा न आए. रोगी को दूध, मिश्री वाला पानी, कच्चे नारियल का पानी, ग्लूकोज और ठंडा पानी जैसे तरल पदार्थ दें.
इसके उपचार
ब्रेन हैमरेज में डॉक्टर सबसे पहले मरीज ट्रीटमेंट के तौर पर अर्निका टिंचर देते हैं. इसके अलावा अर्निका टिंचर का लोशन बनाकर इसमें सूती पट्टी भिगोकर सिर पर रखते हैं. गंभीर स्थिति में रक्तस्राव रोकने के लिए मिलीफोलियम और फैरमफॉस जैसी बायोकैमिक दवाएं देते हैं. इसके बाद लक्षणों के आधार पर हाइपेरिकम, बेलेडोना, फेरमफॉस, चायना, हेमामिलस, इपिकाक, जिरेनियम मैकुलेटम आदि दवाएं दी जाती हैं.